
शादी का जश्न, रिसेप्शन की तैयारी और सुहागरात पर मौत... हैरान कर देगी प्रदीप और शिवानी की ये कहानी
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दरवाजा टूटने पर कमरे का जो मंजर सामने था, उसे देखते ही एक साथ पूरे घर की चीख निकल गई. दुल्हन शिवानी बिस्तर पर मुर्दा पड़ी थी और बिस्तर के ठीक ऊपर पंखे से दूल्हे प्रदीप की लाश फंदे से झूल रही थी. फौरन प्रदीप की लाश को नीचे उतारा गया.
Ayodhya Pradeep Shivani Death Mystery: अयोध्या में एक शादी होती है. दूल्हा पूरी बारात के साथ दुल्हन को लेकर वापस घर लौट आता है. घर में जश्न का माहौल था. पूजा हो रही थी. अगले दिन रिसेप्शन था. लिहाजा, तैयारियां जोरो पर थीं. देर शाम तक घर में गीतों का कार्यक्रम चलता रहा. फिर सब अगले दिन की तैयारी में जल्द सो गए. अगली सुबह घरवाले सोकर उठे और रिसेप्शन की तैयारी में जुट गई. लेकिन दूल्हा और दुल्हन के कमरे का दरवाजा नहीं खुला. घरवालों ने आवाज़ दी. दरवाजा कई बार खटखटाया. लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. फिर कमरे का दरवाजा तोड़ा गया और कमरे का अंदर का मंजर देखकर सबके होश उड़ गए.
शादी के बाद घर लौटी बारात अयोध्या के रहने वाले प्रदीप की शुक्रवार 7 मार्च को शादी थी. प्रदीप धूमधाम से अपनी बारात लेकर अपने घर शहादतगंज से डीलीसरैया 7 मार्च की शाम पहुंचा था. रात बारात वहीं ठहरी थी. इसके बाद अगली सुबह शनिवार 8 मार्च को 11 बजे दुल्हन शिवानी की विदाई होती है. लगभग दो घंटे का सफर तय कर प्रदीप अपनी दुल्हन को दोपहर एक बजे लेकर घर पहुंचता है.
रिसेप्शन की तैयारी घर पर धूमधाम से दुल्हन का स्वागत होता है. फिर शाम 7 बजे घर में ही पूजा होती है. चूंकि दुल्हन पहली बार घर आई थी इसलिए पूरे मोहल्ले की औरतें गीत गाकर जश्न मना रही थीं. रात 11 बजे तक गीत का कार्यक्रम चलता है. इसके बाद घर आए सभी मेहमान सोने चले जाते हैं. अगले दिन यानि 8 मार्च की शाम को प्रदीप और शिवानी का रिसेप्शन था. उसकी तैयारी सुबह से ही शुरु हो जानी थी. इसीलिए प्रदीप का छोटा भाई और घर के तमाम पुरुष भी अब सोने चले गए थे. रात के करीब 12.30 बजे थे. अब पहली बार दूल्हा प्रदीप अपनी दुल्हन शिवानी के कमरे में जाता है. दरवाजा बंद हो जाता है.
तोड़ा गया दूल्हा-दुल्हन के कमरे का दरवाजा अब रविवार 9 मार्च की सुबह हो चुकी थी. प्रदीप का भाई घर के बाकी कुछ मेहमानों के साथ मंडी निकल गया था. क्योंकि रिसेप्शन के लिए काफी सामान खरीदना था. प्रदीप को भी मंडी जाना था. 7 बजे तक जब प्रदीप कमरे से बाहर नहीं आया तो उसकी बहनों ने दरवाजे पर दस्तक दी. पर अंदर से कोई आवाज नहीं आई. इसके बाद मां ने दरवाजे की कुंडी खटखटाई. फिर भी अंदर से कोई आवाज नहीं आई. अब पहली बार घरवालों को कुछ अजीब लगा. इसके बाद तो एक साथ कई लोगों ने दरवाजा पीटना शुरु किया मगर दरवाजा नहीं खुला. तब परेशान घरवालों ने सीधे दरवाजा तोड़ने का फैसला किया. अब दरवाजा तोड़ा गया.
कमरे में मिली दूल्हा-दुल्हन की लाश दरवाजा टूटने पर कमरे का जो मंजर सामने था, उसे देखते ही एक साथ पूरे घर की चीख निकल गई. दुल्हन शिवानी बिस्तर पर मुर्दा पड़ी थी और बिस्तर के ठीक ऊपर पंखे से दूल्हे प्रदीप की लाश फंदे से झूल रही थी. फौरन प्रदीप की लाश को नीचे उतारा गया. बदहवास घरवाले दूल्हा-दुल्हन दोनों को लेकर नजदीक के अस्पताल भागे. मगर कोई फायदा नहीं हुआ. डॉक्टरों के मुताबिक दोनों मर चुके थे. यानि जिस दिन प्रदीप और शिवानी का रिसेप्शन था, उसी सुबह दोनों की लाश घर से उठाई जा रही थी.
शादी से बेहद खुश थे प्रदीप और शिवानी उधर, इस सच्चाई से अनजान प्रदीप का भाई अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ रिसेप्शन की तैयारी के लिेए मंडी में था. आधी सब्जियां खरीद चुका था. तभी उसके पास फोन आता है. जिसे सुनकर प्रदीप का भाई सन्न रह जाता है. उसे भाई और भाभी की मौत की खबर मिल चुकी थी. फेरे के 24 घंटे के अंदर अंदर ऐन सुहागरात वाले दिन दूल्हा-दुल्हन की इस तरह मौत ने सबको हैरान कर दिया. हैरानी इसलिए भी थी कि बारात से लेकर फेरे और विदाई तक दुल्हा-दूल्हन दोनों ही बेहद खुश थे. खुशी-खुशी तस्वीरें भी खिंचवा रहे थे. दूल्हा प्रदीप तो अपनी शादी की खुशी में नाच भी रहा था.

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