लड़की ने रची अपने अपहरण की कहानी, महाकाल मंदिर के धागे ने खोला पूरा राज
AajTak
Indore News: परीक्षा में फेल होने के बाद एक लड़की ने अपने अपहरण की ऐसी कहानी रची, जिससे पुलिस भी चकरा गई. वहीं मामले का खुलासा होने पर लोग हैरान रह गए. ये हैरान कर देने वाला मामला इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र का है.
मध्य प्रदेश के इंदौर में बीते दिनों एक नाबालिग लड़की के अपहरण का मामला सामने आया था. नाबालिग ने खुद अपने अपहरण की जानकारी परिजनों को दी थी. इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की और खुलासा हुआ तो लोग हैरान रह गए. ये खुलासा उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के धागे (कलावा) से हुआ है.
दरअसल, बाणगंगा थाना क्षेत्र में एक नाबालिग के पिता ने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी बेटी कोचिंग गई थी, जिसके बाद घर नहीं लौटी. किसी ने उसका अपहरण कर लिया है. इस पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और उसकी तलाश शुरू की.
फोन करके कहा मुझे बचा लीजिए
पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें कोई सुराग हाथ नहीं लगा. इसके अगले दिन नाबालिक में अपने पिता को फोन करके कहा, "पापा मुझे बचा लीजिए". पिता ने ये बात पुलिस को बताई.
इस पर पुलिस लोकेशन ट्रेस करते हुए धर्मपुरी पहुंची और उसे वहां से बरामद कर थाने लाई. इस दौरान नाबालिक ने पूछताछ में बताया कि एक रिक्शावाले ने उसका अपहरण किया था, जब उसे होश आया तो वो खेत में थी. वहीं से उसने पिता को जानकारी दी थी.
कपड़े देखकर पुलिस का शक गहराया
नरेंद्र मोदी ने बीते दिन पीएम पद की शपथ ले ली है.वहीं मोदी कैबिनेट में शामिल होने के लिए भाजपा ने अजित पवार गुट की एनसीपी को भी ऑफर दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. इसके बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज है. अजित गुट के प्रफुल्ल पटेल को राज्य मंत्री का ऑफर था, लेकिन उन्होंने ये कहकर इसे ठुकरा दिया कि वो कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और ये उनका डिमोशन होगा. देखिए VIDEO
राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के वायरल वीडियो पर दिल्ली पुलिस का बयान आया है. इसमें कहा गया है, रविवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के लाइव प्रसारण के दौरान कैद एक जानवर की तस्वीर दिखा रहे हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि यह जंगली जानवर है. ये तथ्य सत्य नहीं हैं. कैमरे में कैद जानवर एक आम घरेलू बिल्ली है.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि मणिपुर पिछले 1 साल से शांति की प्रतीक्षा कर रहा है. भागवत ने कहा कि संसद में विभिन्न मतों के बीच सहमति बनाना कठिन है, लेकिन यह आवश्यक है. उन्होंने समाज में फैल रही असत्य बातों और कलह पर भी चिंता जताई. मणिपुर में शांति लाने के लिए प्राथमिकता देने की जरूरत पर जोर दिया.