
रोहिंग्या मुसलमानों के बहाने समझिये इस्लामिक मुल्क क्यों कतराते हैं मुस्लिम शरणार्थी स्वीकार करने में । Opinion
AajTak
ईसाई देश ईसाइयों को शरण दे रहे हैं, भारत जैसा देश भी हिंदुओं को नागरिकता के लिए कानून बना चुका है. ऐसे में दुनिया भर में इस्लाम की रक्षा का ठेका लिए हुए देश म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों और गाजा शरणार्थियों को शरण देने के मामले में आनाकानी करते क्यों दिखते हैं?
दुनिया में मुस्लिम जनसंख्या वाले सबसे बड़े देश इंडोनेशिया में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे रोहिंग्या मुस्लिमों वहां के स्थानीय लोगों ने घुसने से रोक दिया है. लकड़ी की नाव में सवार होकर 140 भूखे रोहिंग्या मुस्लिम इंडोनेशिया के उत्तरी प्रांत आचे के तट से लगभग 1 मील (0.60 किलोमीटर) दूर उतरने की कोशिश कर रहे थे. दरअसल रोहिंग्या ही नहीं गाजा के मुसलमानों के लिए भी अरब देशों या किसी भी मुस्लिम देश के लोगों में सिर्फ संवेदना ही होती है . कोई भी उन्हें शरण देने को राजी नहीं होता है. इजरायल के हमले को देखते हुए फिलिस्तीनी लोगों ने जब मिस्र की ओर जाना चाहा तो मिस्र ने बॉर्डर सील कर दिया था. पिछले कुछ सालों में लाखो्ं सीरियाई मुसलमानों ने यूपोपीय देशों में शरण ली है. आज भी कोई मुसलमान देश उन्हें अपने यहां बुलाने के लिए तैयार नहीं है. पाकिस्तान जैसा कट्टर इस्लामिल मुल्क भी अफगानी शरणार्थियों के साथ अच्छा सुलूक नहीं किया. उन्हें जबरन अफगानिस्तान भेज दिया. भारत में भी बांग्लादेशी मुसलमानों और रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर जबरदस्त राजनीति होती रही है. नॉर्थ ईस्ट की पूरी डेमोग्रेफी ही इन शरणार्थियों के चलते गड़बड़ हो चुकी है. जो भारत में अशांति का प्रमुख कारण है. हाल ही सुप्रीम कोर्ट ने 1971 के बाद आए शरणार्थियों को वापस उनके घर भेजने का आदेश दिया है. पर क्या आपको लगता है कि हमारे देश में कभी यह संभव हो पाएगा?
पिछले साल ही गाजा शरणार्थियों के लिए मिस्र और तुर्की ने दिखाए थे तेवर
पिछले साल अक्टूबर में ही मिस्र गाजा के साथ अपनी राफा सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा था. कारण यह था कि मिस्र सोच रहा है कि अगर इजरायल के दबाव में गाजा से चलकर उसके देश में फिलिस्तीनी घुस गए तो उनकी सुरक्षा और अर्थव्यवस्था का क्या होगा.मिस्र के राष्ट्रपति चाहते थे कि गाजा में फिलिस्तिनियों को डटे रहना चाहिए ताकि उनकी जमीन पर उनका हक बना रहे. मिस्र ही नहीं दुनिया के कई मुस्लिम देशों भी ऐसा ही करते रहे हैं. तुर्की के तत्कालीन विदेश मंत्री ने भी तबमिस्र की बात से पूरी तरह सहमति जताई थी.अरब देश वैसे तो फिलिस्तिनियों को नागरिकता या शरण न देने के पीछे कई कारण देते हैं पर सबसे बड़ा कारण उन्हें अपने देश की डेमोग्रेफी गड़बड़ होने की आशंका ही रहती है. अरब देश फिलिस्तीनियों को काम के लिए तो स्वीकार कर लेते हैं, पर ऐसे काम ही देना पसंद करते हैं जो निम्न स्तर के हैं.
जार्डन का उदाहरण सबके सामने है
जार्डन ने लाखों फिलिस्तिनियों को अपने देश में शरण दी बाद में वे जार्डन के शाह के ही दुश्मन हो गए.देखा जाए तो अरब देशों में जॉर्डन अकेला है, जिसने फिलिस्तीन के लोगों को स्थाई नागरिकता दी. हालांकि अस्सी के दशक के आखिर में उसने भी ये बंद कर दिया. इजरायल का एक हिस्सा पश्चिम में जॉर्डन से सटा है, जो वेस्ट बैंक कहलाता है. यह भी फिलिस्तीनियों का इलाका है. वेस्ट बैंक से भागकर काफी सारे लोग एक समय पर जॉर्डन पहुंचे और वहां के नागरिक भी बन गए.
साल 1967 से पहले जॉर्डन वेस्ट बैंक को अपना हिस्सा मानता था. यही वजह है कि इस दौरान और इसपर इजरायल के आने के बाद भी लगभग 2 दशक तक वो लोगों को नागरिकता देता रहा. ये सिर्फ वही फिलिस्तीनी थे वेस्ट बैंक में रहते थे. गाजा पट्टी से जॉर्डन का कोई वास्ता नहीं था. इसलिए देखा जाए तो जॉर्डन भी मुस्लिम होने के आधार पर उन्हें शरण दे रहा था यह तो नहीं ही कहा जाएगा.क्यों कि इस्लामी आधार पर या मानवीय आधार पर अगर जॉर्डन वेस्ट बैंक वालों क नागरिकता दे रहा था तो गाजा वालों को सिटिजनशिप देने में उसे क्या दिक्कत थी? यही बात उसके खिलाफ भी जाती है कि वो एक तरफ के फिलिस्तीनियों को अपने यहां बसा रहा है, जबकि दूसरी तरफ से कोई सरोकार नहीं रखता. हालांकि जब वेस्ट बैंक से आए ये मुसलमान जॉर्डन के शाह के खिलाफ ही काम करने लगे तो यहां भी उनकी न केवल रोक लगी बल्कि जिन लोगों को नागरिकता मिल गई थी उनसे छीनी भी गई. दरअसल जॉर्डन की अपनी इकनॉमी अस्थिर हो रही थी. साथ ही स्थानीय और नए लोगों में फसाद भी होने लगा था. तभी जॉर्डन सरकार ने एक फैसला लिया. वो ऐसे लोगों की नागरिकता लेने लगी, जो मुश्किलें पैदा कर रहे थे.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.

इंडिगो के ऑपरेशनल संकट का असर 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ. देश के कई बड़े एयरपोट्स पर आज सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे हजारों यात्री परेशान देखे गए. कई एयरपोर्ट पर यात्रियों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ा. कुछ जगह इंडिगो के काउंटर्स पर सहयोग ना करने की शिकायतें सामने आईं. कंपनी लगातार शेड्यूल में बड़े बदलाव कर रही है. अब तक 11 बड़े एयरपोर्ट्स पर कुल 571 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं.

हरियाणा में चार मासूमों के सीरियल मर्डर केस ने झकझोर कर रख दिया है. खूबसूरती से जलन, रिश्तेदारों की बच्चियों और अपने ही तीन साल के बेटे तक को पानी में डुबोकर मारने वाली साइको किलर पूनम अब उसी गांव की जेल में है, जहां वह पली-बढ़ी. गिरफ्तारी के बाद से पूनम जेल की बैरक में बेचैनी है. न ठीक से नींद आ रही, ना खाना निगल पा रही है.

टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर के बाबरी मस्जिद जैसे डिजाइन में मस्जिद निर्माण के फैसले ने पश्चिम बंगाल में जोरदार घमासान खड़ा कर दिया है. BJP ने आरोप लगाया है कि यह कदम लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने के लिए उठाया जा रहा है. वहीं TMC ने इसे बेबुनियाद करार दिया और दावा किया कि कबीर BJP के इशारे पर अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.

दिल्ली के संगम विहार इलाके में मामूली विवाद के चलते दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ स्टूडेंट की चाकू मारकर हत्या कर दी गई. मृतक की पहचान 27 साल के इरशाद के रूप में हुई है, जिसे परिजन गंभीर हालत में अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिवार वालों के आरोप पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है और एक नाबालिग समेत दो आरोपियों को हिरासत में लिया गया है.



