
रिटायर्ड सरकारी कर्मियों को भी अब Publication से पहले लेनी होगी इजाजत, आदेश जारी
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कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि रिटायमेंट के बाद किसी भी प्रकाशन से पहले इन विभागों के कर्मचारियों को अपने HOD से अनुमति लेनी होगी.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुके कर्मचारियों के लिए नया नियम लागू किया है. इस नियम के तहत खुफिया और सुरक्षा संबंधी विभाग से जुड़े रहे रिटायर कर्मचारी को अब किसी भी प्रकाशन से पहले विभाग के अधिकारी से इजाजत लेनी होगी. No Government servant, who has worked in any Intelligence or Security-related organisation shall make any publication after retirement without prior clearance from the head of organisation: Ministry of Personnel, Public Grievances & Pensions विभाग अध्यक्ष से इजाजत जरूरी — ANI (@ANI)
Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.

India Nuclear Missile Force: दुनिया में आज के समय में सभी देश अपनी सैन्य शक्तियों को मजबूत कर रहे हैं. भारत ने भी पिछले कुछ दशकों में अपनी सैन्य ताकत में काफी मजबूती लाई है. भारत की परमाणु क्षमता की चर्चा दुनिया में अक्सर होती है, लेकिन इसे गहराई के साथ काफी कम लोग ही जानते हैं. भारत ने सिर्फ अग्नि श्रृंखला ही नहीं बल्कि जमीन, समुद्र, हवा और क्रूज मिसाइल सिस्टम का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है.









