
राजस्थान: टेंपो ड्राइवर की बेटी बनेगी गांव की पहली डॉक्टर, स्कॉलरशिप से की थी NEET की तैयारी
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NEET 2021: सरकार से मिली साइकिल की मदद से वह हर दिन स्कूल जा पाईं. बिना किसी शैक्षिक बैकग्राउंड वाले गरीबी से प्रभावित परिवार में जन्मी नाज़िया ने कक्षा 10 और 12 में सरकारी छात्रवृत्ति के जरिए पढ़ाई की.
NEET 2021: राजस्थान के झालावाड़ जिले के छोटे से गांव पचपहाड़ में एक टेंपो ड्राइवर की बेटी अपने गांव की पहली डॉक्टर बनने जा रही है. चौथी बार NEET UG परीक्षा में उपस्थित होकर, नाज़िया ने इस बार 668 नंबर स्कोर किए और राष्ट्रीय स्तर पर 1759 और OBC कैटेगरी में 477वीं रैंक हासिल की. एजेंसी के मुताबिक, 22 वर्षीय नाज़िया ने अपनी सफलता के लिए कोटा के एलन इंस्टीट्यूट में मिली कोचिंग और कक्षा 9वीं के बाद राज्य सरकार से मिली एक साइकिल को धन्यवाद दिया.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.











