रमेशबाबू प्रज्ञानानंद: वर्ल्ड नंबर एक कार्लसन को दो-दो बार हराने वाले इस लड़के में क्या ख़ास है
BBC
रमेशबाबू प्रज्ञानानंद सिर्फ़ 16 साल के हैं. वो तीन महीने के दौरान वर्ल्ड नंबर एक मैग्नस कार्लसन को दो बार हरा चुके हैं. उनके अब तक के बेमिसाल सफ़र के बारे में पढ़िए.
किसी भी खेल में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी के सामने खेलने का सपना हर खिलाड़ी का होता है और उसमें कुछ खिलाड़ी नंबर एक को हराने का सपना भी देखते हैं.
गिनती के खिलाड़ी ये काम कर भी डालते हैं और उनमें गिने चुने तीन महीने के अंदर दो-दो बार वर्ल्ड नंबर एक को हरा पाते हैं.
यही करिश्मा कर दिखाया है रमेशबाबू प्रज्ञानानंद ने. लेकिन अभी 17 साल के भी नहीं हुए प्रज्ञानानंद का आत्मविश्वास कुछ ऐसा है कि वर्ल्ड नंबर एक मैग्नस कार्लसन को हराने के बाद मीडिया के सामने उन्होंने एक तरह से निराशा ही जाहिर की.
उन्होंने कहा, "वे इस तरह से जीत हासिल नहीं करना चाहते थे."
खेल में जीत, जीत होती है और हार, हार. लेकिन खेल की बारीकियों को समझने वालों को ये अंदाज़ा होगा कि प्रज्ञानानंद क्या कह रहे थे और उसके मायने क्या हैं. दरअसल, शुक्रवार को चेसेबल्स मास्टर्स ऑनलाइन रैपिड चेस टूर्नामेंट में प्रज्ञानानंद और मैग्नस कार्लसन का मुक़ाबला ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था.