
यात्रियों की बेबसी, एयरलाइंस की लापरवाही और सिस्टम का सरेंडर... इंडिगो क्राइसिस और कितने दिन चलेगा?
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IndiGo की फ्लाइट्स को लेकर देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर अभी भी कैंसिलेशन का सिलसिला जारी है. सरकार ने DGCA के माध्यम से इंडिगो के CEO को जवाब देने का अल्टीमेटम दिया है और 10 दिसंबर तक परिचालन सामान्य होने की उम्मीद है.
देश के कई हवाई अड्डों पर IndiGo की उड़ानें सामान्य नहीं हो पाई हैं, जिसके कारण देरी और कैंसिलेशन का सिलसिला जारी है. सोमवार को दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें कहा गया है कि एयरलाइन की उड़ानों में अभी भी रुकावट का सामना करना पड़ सकता है.
दिल्ली (IGI) और मुंबई दोनों ही प्रमुख हवाई अड्डों पर IndiGo के यात्री सोमवार को भी भी फ्लाइट रद्द होने होने से परेशान दिखे. दरअसल देश की सबसे बड़ी एयरलाइन ने रविवार को 650 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी थी, हालांकि यह संख्या दो दिन पहले के 1000 से अधिक कैंसिलेशन से कम है.
अधिकारियों के अनुसार, प्रभावित यात्रियों के लिए 610 करोड़ रुपये से अधिक का टिकट रिफंड जारी किया जा चुका है. कंपनी के अनुसार, यह संकट मुख्य रूप से फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशंस (FDTL) नियमों (पायलट आराम पर सरकारी नियम) के पूर्ण कार्यान्वयन के बाद कॉकपिट क्रू की कमी के कारण शुरू हुआ. इससे बड़े पैमाने पर कैंसिलेशन हुआ और प्रमुख हवाई अड्डों पर पूरी तरह अराजकता फैल गई.
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सरकारी सख्ती और रिफंड पर दबाव इसके बाद सरकार ने हस्तक्षेप किया और नियमों पर रोक लगाई. यह क्राइसिस पूरी तरह कब खत्म होगा इस पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि 10 दिसंबर तक परिचालन सामान्य हो सकता है.
नागर विमानन मंत्रालय ने एयरलाइन पर हवाई किराए की सीमा तय करने और रिफंड प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश देने सहित कई उपाय किए हैं. मंत्रालय ने IndiGo को अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद कंपनी ने शनिवार तक 610 करोड़ रुपये का रिफंड प्रोसेस कर 3000 सामान यात्रियों तक इसे पहुंचाया है. वहीं इस संकट की उच्च-स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है.

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