
घुसपैठियों के खिलाफ अमित शाह ने बताई '3D' पॉलिसी, कहा- वे लोग देश का PM-CM तय नहीं करेंगे
AajTak
अमित शाह ने लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा के जवाब में कहा कि सरकार ने शुरू में चुनाव सुधारों पर चर्चा से इनकार किया था. इसके पीछे कई कारण थे, क्योंकि विपक्ष की मांग थी कि स्पेशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट (SIR) पर चर्चा हो. ये चुनाव आयोग का काम है और इस पर चर्चा होगी तो जवाब कौन देगा.
लोकसभा में दो दिन चली चुनाव सुधारों की चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. घुसपैठियों को मतदाता सूची में शामिल करने के आरोपों पर बीजेपी नेता ने कांग्रेस पर निशाना साधा और साफ कहा कि कहा,'ये लोग तय नहीं करेंगे कि देश का प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री कौन बनेगा.' उन्होंने सरकार की '3D' पॉलिसी का जिक्र करते हुए कहा कि हम एक-एक घुसपैठिए को डिटेक्ट करेंगे, डिलीट करेंगे और डिपोर्ट करेंगे.
लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, 'हम चर्चा नहीं चाहते, ऐसा भ्रम फैलाने की कोशिश की गई. हम बीजेपी और एनडीए के लोग डिबेट से कभी नहीं भागे. संसद सबसे बड़ी पंचायत है. चर्चा के लिए हमने ना कहा, इसके पीछे भी कारण थे.' गृह मंत्री अमित शाह ने ना कहने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि विपक्ष की डिमांड थी एसआईआर पर चर्चा की. यह चुनाव आयोग का काम है. इस पर चर्चा होगी तो जवाब कौन देगा.
पहली बार नहीं हो हो रहा SIR
अमित शाह ने कहा कि जब ये (विपक्ष) चुनाव सुधार पर चर्चा के लिए तैयार हुए, हमने दो दिन चर्चा की. उन्होंने कहा कि चर्चा तय हुई चुनाव सुधार पर, लेकिन विपक्ष के ज्यादातर सदस्यों ने एसआईआर पर ही बोला. जवाब तो मुझे देना ही पड़ेगा. अमित शाह ने कहा कि एसआईआर कोई पहली बार नहीं हो रहा है. यह पहले भी होता रहा है और मैंने पहले के भी सभी एसआईआर का गहन अध्ययन किया है. कांग्रेस की ओर से फैलाए गए झूठ का अपने तर्कों के हिसाब से जवाब देना चाहता हूं.
उन्होंने चुनाव आयोग को संवैधानिक संस्था बताते हुए कहा कि चुनाव के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है. चुनाव आयोग की व्यवस्था जब बनी, तब हम थे भी नहीं. अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 324 में चुनाव आयुक्त को विशेष अधिकार दिए गए हैं. अनुच्छेद 326 में मतदाता की पात्रता तय की गई है. उन्होंने कहा कि मनीष तिवारी कह रहे थे कि एसआईआर का अधिकार चुनाव आयोग को है ही नहीं, तो उनको बताना चाहता हूं कि यह अधिकार चुनाव आयोग को अनुच्छेद 327 में मिला है.
विपक्ष ने आरोप झूठे

गोवा फायर केस के आरोपी लूथरा ब्रदर्स अब एक बड़े कॉर्पोरेट घोटाले के शक के घेरे में हैं. दस्तावेजों की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि दोनों भाई कुल 42 कंपनियों और LLPs से जुड़े हुए हैं. इनमें से अधिकतर कंपनियां एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं. ये पैटर्न शेल कंपनियों और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) की संभावनाओं की ओर इशारा करता है.

दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में मामूली विवाद के बाद एक युवक की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है. आरोपियों ने 6 दिसंबर की रात विकास मावी की हत्या कर उसके शव को कार में लेकर घूमते रहे और बाद में फरीदाबाद के जंगल में फेंक दिया. पुलिस ने विशाल राय, प्रवीण और केशव बिधूड़ी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक आरोपी फरार है.











