
महिलाओं के लिए हिजाब सही या गलत? क्या बोलीं सऊदी, ईरान और भारत की मुस्लिम महिला एक्टिविस्ट
AajTak
India Today Conclave: हिजाब को लेकर दुनिया भर में हंगामा देखने को मिला है. किसी देश में इसके समर्थन में प्रदर्शन हुए, तो किसी देश में इसके विरोध में महिलाएं सड़क पर उतरीं. इस मुद्दे पर ईरान से लेकर भारत तक की महिला कार्यकर्ताओं ने अपनी बात रखी है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव-2023 में 'हिजाब, हेट एंड स्टेट: द फाइट फॉर ह्यूमन राइट्स. एंड फेमिनिस्ट चर्न विद मुस्लिम वर्ल्ड' सेशन हुआ. इसमें लेड बाय फाउंडेशन की फाउंडर रूह शादाब, इस्लामिक फेमिनिस्ट, स्कॉलर और लेखिका शीबा असलम फहमी, अफगान राजनेता और एक्टिविस्ट फौजिया कूफी और ईरान की पीस एक्टिविस्ट और इंटरनेशनल सिविल सोसाइटी एक्शन नेटवर्क की सीईओ और फाउंडर सनम नारघी एंदरलिनी ने अपनी-अपनी बात रखी.
ईरान के हिजाब आंदोलन पर बोलीं सनम
सनम नारघी एंदरलिनी ने ईरान के हिजाब आंदोलन से जुड़े सवाल पर कहा कि यह एक ऐतिहासिक आंदोलन था. क्योंकि इसमें मेरी मां, मैं और मेरी बेटी की जनरेशन शामिल थी. यह महिलाओं के अधिकारों से जुड़ा था. शायद हमने पहली बार दुनिया के इतिहास में ऐसा देखा है कि पुरुष महिलाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई में खड़े थे. इसमें लोगों ने धर्म, आर्थिक हालात सबसे ऊपर उठकर हिस्सा लिया.
उनसे पूछा गया कि आप और ईरान की महिलाएं हिजाब को किस तरह से देखती हैं? इस पर उन्होंने कहा, ईरान और जहां मैंने काम किया है उन 40 देशों की महिलाएं, हम कह रही हैं कि हमें अकेला छोड़ दो. हम अपने लिए जो ठीक लगेगा चुनेंगे. मेरा शरीर है मुझे क्या पहनना है, या प्रजनन जैसे अधिकार. और यहां दो फैक्टर हैं, पहला ये कि मैं अधिकार चाहती हूं कि मैं न केवल खुद पर ही ध्यान दूं क्योंकि मुझे लगता है कि यह ध्यान भटका सकता है. बल्कि हम भी रक्षा, शांति और पर्यावरण जैसे बड़े मुद्दों को डील करना चाहते हैं, जैसे पुरुष करते हैं. और यही मेरा काम है. दूसरी चीज ये कि हिजाब ईरान में महिलाओं के लिए प्रतीकात्मक और शारीरिक रूप से दमनकारी है. महिलाएं बीते 40 साल से इसे सिर पर पीछे की तरफ धकेलती जा रही हैं. यह बहुत टाइट है. लेकिन ये खत्म नहीं हो रहा. मायने ये रखता है कि कानून में बदलाव हो.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में उन्होंने बताया कि सरकार ने प्रदर्शनों को दबाने की कोशिश की. जैसा वो करती आ रही है. हमने हाल में स्कूलों में लड़कियों को जहर दिए जाने के बारे में सुना है. और हैरान हैं कि इसकी जांच क्यों नहीं हो रही. मेरी दादी अपने पति की आठवीं बेगम थीं. उन्होंने खुद लिखना सीखा. वह 16 साल की उम्र में छह बच्चों वाली विधवा बन गईं. वह 1953 में 40 साल की थीं और मेरी मां को 12 साल की उम्र में इंग्लैंड में स्कूल भेजा. उन्होंने 1953 में लेटर लिखा कि नहीं पता आपके जीवन में मौजूद पुरुषों के साथ क्या हो, तो आपको अपना जीवन चलाने के लिए कमाई करने में सक्षम होना जरूरी है. ये है मुस्लिम महिलाओं की कहानी.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.

पानीपत कांड में आरोपी पूनम के पति नवीन ने कहा कि बच्चों को जैसे पानी में तड़पाकर मारा गया, वैसे ही उसकी पत्नी को भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उसने किसी भी तांत्रिक कनेक्शन से इनकार किया. वहीं, पूनम की मां सुनीता देवी ने कहा कि बेटी शादी से पहले बिल्कुल सामान्य थी और कभी किसी बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाया. उन्होंने स्वीकारा कि यदि उसने यह अपराध किया है तो उसे उसकी सजा जरूर मिलनी चाहिए.

माधव राव ने कुछ स्वयंसेवकों को मुस्लिम पहचान देकर विभाजित पंजाब के शहरों में मुस्लिम लीग के प्रभाव वाले क्षेत्रों में तैनात कर दिया. ये लोग बताते थे कि कैसे पूरी तैयारी के साथ मुस्लिम लीग के लोग हिंदू बाहुल्य इलाकों की रिपोर्ट तैयार करते हैं, और फिर हमला करते थे. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है उसी घटना का वर्णन.

पिछले दो दिनों से इंडिगो की उड़ानों में भारी रद्द होंगे देखे गए हैं. इस वजह से DGCA ने 4 दिसंबर को इंडिगो के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है. 3 और 4 दिसंबर को लगभग 250 से 300 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं, जिससे यात्री प्रभावित हुए हैं. DGCA का मकसद इंडिगो के कामकाज में सुधार लाना और यात्रियों की असुविधा को कम करना है.

शिवसेना UBT सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि मंत्री राम मोहन नायडू को इंडिगो संकट को लेकर संसद में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इंडिगो पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि इंडिगो ने यात्रियों को काफी परेशानी में डाला है. प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि इंडिगो के पास नियमों में हुए बदलावों की पूरी जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद यात्रियों को असुविधा हुई.








