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मध्य पूर्व में बीते साल ऐसा क्या हुआ, जो आज तक नहीं हुआ था
BBC
कई वजहों से संघर्षों से घिरे मध्य पूर्व के देशों में बीते साल युद्ध, चरमपंथी हिंसा, सांप्रदायिक तनाव जैसी चीज़ें बिल्कुल देखने को नहीं मिली. इन वजहों से वहां सामाजिक कल्याण, सुरक्षा और शांति जैसे मुद्दे मुखर रहे.
मध्य पूर्व एशिया के देशों के लिए 2021 बहुत हलचल भरा साबित हुआ. हालांकि बीते साल इस इलाक़े में न तो कोई युद्ध देखने को मिला, न ही कोई चरमपंथी हिंसा देखने को मिली. साथ ही, यहां सांप्रदायिक तनाव जैसी स्थिति भी नहीं दिखी, लेकिन पूरे इलाक़े में एक तरह का तनाव पसरा रहा.
मध्य पूर्व के देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर आक्रामकता दिखी. इस मामले में सभी प्रमुख साझेदार देशों की सक्रियता नज़र आयी. और इलाक़े में कूटनीतिक तौर पर बड़े बदलाव देखने को मिले.
हालांकि ऐसा भी नहीं है कि कई देशों के बीच के पुराने सीमा और राजनीतिक विवाद ख़त्म हो गए. लेकिन कोरोना महामारी के कारण मध्य पूर्व की सरकारों ने अपने सीमित संसाधनों का ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेमाल इस महामारी पर क़ाबू पाने में किया.
बीते साल इस इलाक़े के विभिन्न देशों के प्रति अमेरिका की नीतियों में बड़े मौलिक बदलाव देखने को मिले. इतना ही नहीं इराक़ और लेबनान जैसे देशों ने आपसी तनाव को काफ़ी हद तक कम कर लिया.
इन वजहों से संघर्षों से घिरे मध्य पूर्व के देशों में बीते साल सामाजिक कल्याण, सुरक्षा और शांति जैसे मुद्दे मुखर रहे. हालांकि इन बदलावों के लिए कोरोना महामारी भी अहम वजह साबित हुई.