
बाजवा का अमेरिका दौरा क्या फिर पाकिस्तान को महाशक्ति के करीब ला देगा?
AajTak
पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर बाजवा अमेरिका दौरे पर गए हुए हैं. कई अहम बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं, संदेश दे रहे हैं कि एक बार फिर अमेरिका, पाकिस्तान पर भरोसा कर सकता है. अमेरिका के भी हाल के कुछ बयान और फैसले इस ओर इशारा कर रहे हैं.
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच में पिछले कुछ सालों से तल्ख रिश्ते चल रहे हैं. पाकिस्तान ने एक तरह से अमेरिका का भरोसा खो दिया है. इमरान खान के प्रधानमंत्री रहते वक्त तक स्थिति और ज्यादा बिगड़ गई थी. अब उस स्थिति को फिर सुधारने के लिए पाकिस्तान ने अपनी तरफ से प्रयास करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर बाजवा अमेरिका दौरे पर गए हुए हैं. कई अहम बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं, संदेश दे रहे हैं कि एक बार फिर अमेरिका, पाकिस्तान पर भरोसा कर सकता है.
मंगलवार को बाजवा ने अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात की. तब जारी बयान में कहा गया कि क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर विस्तार से बात की गई. इसके अलावा पेंटागन ने भी बताया कि पाकिस्तान के साथ दोनों ही देशों के रक्षा हितों को लेकर मंथन किया गया. अब बाजवा की इस मुलाकात को विदेशी मामलों के जानकार आकास्मिक नहीं मान रहे हैं. उनकी नजरों में इस समय पाकिस्तान डैमेज कंट्रोल करने की पूरी कोशिश कर रहा है. जब से इमरान खान ने अपने सत्ता बेदखल के लिए अमेरिका को जिम्मेदार बताया था, रिश्ते सुधारने पर पाकिस्तानी सेना खास जोर दे रही है. इससे पहले साऊदी अरब जैसे देशों का दौरा भी बाजवा ने इसी वजह से किया था. जहां-जहां इमरान के फैसलों से नाराजगी फैली थी, एक तय रणनीति के तहत बाजवा ने उन देशों का दौरा कर स्थिति को सुधारने का काम किया.
इस बारे में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी बताते हैं कि पाकिस्तान में जब सत्ता परिवर्तन हुआ, तब इमरान खान के आरोपों की वजह से पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में दरार आ गई थी. लेकिन पाक सेना रिश्तों को सुधारने को लेकर गंभीर थी, इसी वजह डैमेज कंट्रोल शुरू किया गया. लेकिन हक्कानी इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि अभी समय लगेगा जब अमेरिका फिर पाकिस्तान पर पूरी तरह से भरोसा करना शुरू कर दे. एक अविश्वास की खाई अभी भी जीवित है. अफगानिस्तान के तालिबान राज में पाकिस्तान की भूमिका ने उसे नाराज कर रखा है. वहीं विदेशी मामलों के जानकार कमरान बोखारी तो यहां तक मानते हैं कि अमेरिका एक बार फिर पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान को लेकर अमेरिका अभी भी सीख रहा है, समझने का प्रयास कर रहा है.
वैसे पिछले कुछ समय से पाकिस्तान की लगातार रिश्ते सुधारने की कोशिश रंग भी लाती दिख रही है. हाल ही में अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को एफ-16 फाइटर जेट फ्लीट के रखरखाव के लिए 450 मिलियन डॉलर की मदद दी गई थी. भारत ने जब इस पर आपत्ति जताई तो अमेरिका ने कहा था कि इस मदद में कोई नया हथियार या ताकत शामिल नहीं है. इसके अलावा अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम के पीओके दौरे ने भी जमीन पर समीकरण बदलने का काम किया है.
Ailia Zehra की रिपोर्ट

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.

अब लगभग चार घंटे बाकी हैं जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर पहुंचेंगे. उनका विमान शाम 6 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा. करीब चार साल बाद पुतिन भारत आ रहे हैं, जो 2021 में भारत आने के बाद पहली बार है. इस बीच पुतिन के भारत दौरे से पहले MEA ने दोनों देशों के संबंध का वीडियो जारी किया है.








