पांच सालों में सिर्फ 6 लोगों को हुई राजद्रोह के अपराध में सजा, मुकदमों की तादाद जानकर फटी रह जाएंगी आँखें
Zee News
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, जिन छह अफराद को कसूरवार ठहराया गया, उनमें से दो को 2018 में और एक-एक शख्स को 2019, 2017, 2016 और 2014 में सजा सुनाई गई. साल 2015 में किसी को भी दोषी नहीं ठहराया गया.
नई दिल्लीः मुल्क में गुलाम भारत के राजद्रोह से मुंसलिक दंडात्मक कानून के तहत 2014 से 2019 के बीच 326 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से महज छह लोगों को सजा दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते कहा था कि आईपीसी की दफा- 124 (ए) राजद्रोह के अपराध का बड़े पैमाने पर बेजा इस्तेमाल किया गया है. कोर्ट ने मरकजी हुकूमत से पूछा है कि वह अंग्रेजों के जरिए आजादी की तहरीक को दबाने के लिए महात्मा गांधी जैसे लोगों को ‘‘चुप’’ कराने के लिए इस्तेमाल किए गए कानूनों को खत्म क्यों नहीं कर रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2014 और 2019 के बीच राजद्रोह कानून के तहत कुल 326 मामले दर्ज किए गए हैं. अफसरों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने अभी तक 2020 के आंकड़े जमा नहीं किए हैं. छह लोगों को किस साल सजा सुनाई गई गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मुलक में 2019 में सबसे ज्यादा राजद्रोह के 93 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद 2018 में 70, 2017 में 51, 2014 में 47, 2016 में 35 और 2015 में 30 मामले दर्ज किए गए. देश में 2019 में राजद्रोह कानून के तहत 40 आरोपपत्र दाखिल किए गए जबकि 2018 में 38, 2017 में 27, 2016 में 16, 2014 में 14 और 2015 में छह मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए. जिन छह अफराद को कसूरवार ठहराया गया, उनमें से दो को 2018 में और एक-एक शख्स को 2019, 2017, 2016 और 2014 में सजा सुनाई गई. साल 2015 में किसी को भी दोषी नहीं ठहराया गया.Delhi Baby Care Center Fire: देश की राजधानी दिल्ली से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है. यहां के एक बेबी अस्पताल में भीषण आग लगने से 6 बच्चों की झुलसकर मौत हो गई है. वहीं, 5 बच्चों की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. उनका इलाज चल रहा है, जबकि एक बच्चा वेंटिलेटर पर है. रिपोर्ट्स की मानें, तो यह घटना शनिवार 25 मई देर रात की है.
Swati Maliwal: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी, जिनमें दावा किया गया था कि पार्टी चाहती थी कि वह अपनी राज्यसभा सदस्यता छोड़ दे ताकि उसे एक 'विशेष वकील' को दिया जा सके. इस पर उन्होंने कहा, अगर पार्टी चाहती कि वह राज्यसभा सदस्यता छोड़ दें तो वह खुशी-खुशी इसे छोड़ देतीं.
Pune Porsche Crash: पुणे के पोर्श कार हादसे मामले में ट्विस्ट आया है. अब 17 साल के नाबालिग आरोपी ने दावा किया है कि घटना के समय वह कार नहीं चला रहा था बल्कि फैमिली ड्राइवर चला रहा था. हादसे के समय आरोपी के साथ मौजूद उसके साथियों ने भी इस दावे का समर्थन किया है. वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने दावा किया कि आरोपी को पुलिस स्टेशन में पिज्जा की पेशकश की गई.