
पराली ही मुसीबत नहीं, दिल्ली में पॉल्यूशन फैलाने में 50 फीसदी से अधिक हिस्सा गाड़ियों का, CSE की रिपोर्ट डराने वाली
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Delhi-NCR Pollution: दिल्ली की हवा लगातार बिगड़ती जा रही है. दिल्ली-एनसीआर में AQI का स्तर 'बेहद खराब' की श्रेणी में है. वहीं, दिल्ली के कई इलाकों में तो ये स्तर 'गंभीर' है. इस बीच सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वार्यमेंट (CSE) की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की सबसे बड़ी वजह गाड़ियां हैं.
Delhi-NCR Pollution: देश की राजधानी दिल्ली फिर से गैस चैम्बर में तब्दील होनी शुरू हो गई है. यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI 'बेहद खराब' की श्रेणी में है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, बुधवार को दिल्ली में AQI का स्तर 376 था. इससे पहले मंगलवार को ये 424 पर था. मंगलवार के मुकाबले बुधवार को दिल्ली की हवा में थोड़ा सुधार जरूर हुआ, लेकिन ये अब भी 'बेहद खराब' की श्रेणी में है.
अब तक दिल्ली-एनसीआर की हवा खराब करने के लिए पराली को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था, लेकिन सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्मेंट (CSE) की रिपोर्ट बताती है कि 21 से 26 अक्टूबर के बीच दिल्ली की हवा में PM2.5 बढ़ाने में आधा हिस्सा गाड़ियों से निकलने वाले धुएं का था. ये दिवाली का हफ्ता था. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिवाली के हफ्ते के दौरान गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 49.3% से 53% के बीच रही.
PM2.5 सबसे खतरनाक होता है, क्योंकि ये हमारे बालों से भी 100 गुना छोटा होता है. PM2.5 का मतलब है 2.5 माइक्रॉन का कण. माइक्रॉन यानी 1 मीटर का 10 लाखवां हिस्सा. हवा में जब इन कणों की मात्रा बढ़ जाती है तो विजिबिलिटी प्रभावित होती है. ये इतने छोटे होते हैं कि हमारे शरीर में जाकर खून में घुल जाते हैं. इससे अस्थमा और सांस लेने में दिक्कत होती है.
और कौन बिगाड़ रहा दिल्ली की हवा?
सीएसई से जुड़े विवेक चटोपाध्याय ने बताया कि गाड़ियों के अलावा दिल्ली के प्रदूषण में घरेलू प्रदूषण की 13%, इंडस्ट्रीज की 11%, कंस्ट्रक्शन की 7%, कचरा जलाने और एनर्जी सेक्टर की 5% और सड़कों की धूल और दूसरे सोर्सेस की 4% हिस्सेदारी रही है.

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