
जावेद अख्तर बोले, हिंदू दुनिया में सबसे सभ्य और सहिष्णु लोग, लेकिन हिंदू चरमपंथी और तालिबान एक जैसे
Zee News
जावेद अख्तर ने अपने उस हालिया साक्षात्कार का बचाव किया है जिसमें उन्होंने तालिबान और हिंदू चरमपंथियों के बीच तुलना की थी. अख्तर ने कहा कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनकी टिप्पणी पर इतनी तीखी प्रतिक्रिया होगी.
मुंबईः जाने-माने पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने कहा है कि वह मुस्लिम पुरातनपंथियों के उतना ही विरोधी हैं जितना वह हिंदू चरमपंथ के हैं. उन्होंने कहा कि अपनी इसी मुखरता के कारण उन्हें मुसलमानों से जान से मारने की धमकी मिल चुकी है. जावेद अख्तर ने अपने उस हालिया साक्षात्कार का बचाव किया जिसमें उन्होंने तालिबान और हिंदू चरमपंथियों के बीच तुलना की थी. उन्होंने कहा कि हिंदू दुनिया में सबसे सभ्य और सहिष्णु लोग हैं, लेकिन जहां अफगानिस्तान में तालिबान को खुली छुट हासिल है, भारत की धर्मनिरपेक्षता उसके संविधान और अदालतों द्वारा संरक्षित है. उनहोंने हाल ही में एक टेलीविजन चैनल से कहा था कि तालिबान ‘‘बर्बर’’ हैं, वहीं भारत में हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों का समर्थन करने वाले ‘‘भी उसी तरह’’ हैं. उन्होंने कहा कि भारत कभी भी अफगानिस्तान जैसा नहीं बन सकता क्योंकि भारतीय, स्वभाव से चरमपंथी नहीं हैं, उदारवादी होना उनके डीएनए में है.
हिंदू दक्षिणपंथी हमें वहां पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं अख्तर ने भारत में मुसलमानों के खिलाफ बढ़ते घृणा अपराधों के बारे में तीन सितंबर को एक समाचार चैनल से बात करते हुए चेतावनी दी थी कि इस तरह की घटनाएं ‘‘पूर्ण तालिबान की तरह बनने के लिए एक पूर्वाभ्यास हैं.’’ दोनों के बीच अंतर का प्रमुख बिंदु यह है कि तालिबान ने अफगानिस्तान में अपना मकसद हासिल कर लिया है. हिंदू दक्षिणपंथी हमें वहां पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. सौभाग्य से, यह भारत है और भारतीय लोग हैं जो कड़ा प्रतिरोध कर रहे हैं. अख्तर ने कहा कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनकी टिप्पणी पर इतनी तीखी प्रतिक्रिया होगी. उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ कुछ लोग हैं जिन्होंने अपनी नाराजगी और गुस्से को कड़े शब्दों में व्यक्त किया है, दूसरी तरफ देश के कोने-कोने में ऐसे लोग हैं जिन्होंने मुझे एकजुटता का संदेश दिया है और मेरे दृष्टिकोण के साथ अपनी पूरी सहमति व्यक्त की है.

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