
जानिए क्या है 'समोसा कॉकस', जिसका पीएम मोदी ने जिक्र किया, तो तालियों से गूंज उठी अमेरिकी संसद
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे के दूसरे दिन अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने उस 'समोसा कॉकस' शब्द का जिक्र किया जिसकी अमेरिका की राजनीति में खूब चर्चा हो चुकी है. तो आइए जानते हैं आखिर कैसे यह शब्द गढ़ा गया और इसके कारण थे?
अमेरिकी कांग्रेस में अपने ऐतिहासिक संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने दोनों देशों के पुराने रिश्तों का जिक्र किया और कहा कि लाखों अमेरिकी लोगों की जड़ें भारत में रहीं हैं. पीएम मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की उपलब्धि की तरफ इशारा करते हुए कहा, 'अमेरिका में लाखों लोग हैं जिनकी जड़ें भारत में हैं और उनमें से कुछ इस हाउस में बैठते हैं.' इस दौरान उन्होंने समोसा कॉकस का जिक्र किया तो सदन तालियों की आवाज से गूंज उठा.
दरअसल कमला हैरिस उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला और भारतीय मूल की पहली शख्सियत हैं. पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे बताया गया है कि समोसा कॉकस अब सदन का स्वाद है. मुझे उम्मीद है कि यह बढ़ेगा और यहां भारतीय व्यंजनों की पूरी विविधता लाएगा.' पीएम ने कहा, पिछली दो शताब्दियों से हमने महान अमेरिकियों और भारतीयों के जीवन से एक-दूसरे को प्रेरित किया है.' पीएम जब ये बात कह रहे थे तो वहां मौजूद सांसद तालियां बजाने लगे.
अमेरिका की राजनीति में 'समोसा कॉकस' शब्द की काफी चर्चा होती है. 2016 में इसकी चर्चा तब हुई थी जब पहली बार अमेरिकी संसद में 5 भारतीय मूल के सांसद चुने गए थे जिसमें भारतीय मूल के अमेरिकी नेता और हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति भी थे. उन्होंने ही इस ‘समोसा कॉकस’ शब्द को गढ़ा. जिसे संसद के अंदर भारतीय मूल के सांसदों और प्रतिनिधियों का समूह कहा गया. अभी इस समूह में करीब 5 से 6 सदस्य हैं, लेकिन इस बार अनुमान लगाया जा रहा है कि ये संख्या बढ़ भी सकती है. चूंकि, समोसा भारतीय व्यंजन है और दुनियाभर में मशहूर है यही कारण है कि इस शब्द को भारतीय मूल के लोगों से आसानी से जोड़ा गया.
अमेरिका की आबादी करीब 33 करोड़ है. इसमें एक प्रतिशत से कुछ ज्यादा आबादी भारतीय मूल के लोगों की है. 435 सदस्यों की अमेरिकी कांग्रेस में हालांकि भारतीय मूल के सांसदों की संख्या 5 है. पांचवें सांसद के रूप में श्री थानेदार ने एंट्री ली है. पांच की इस संख्या के साथ अमेरिकी इतिहास में भारतीय मूल के अमेरिकी सदस्यों की तादाद अब सबसे ज्यादा हो गई है.

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