जब 170 फीट की गहराई में समा गई थी सबमरीन... 60 लोगों की हुई थी मौत, फिर 18 महीने बाद जिंदा लौटा एक यात्री
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एचएमएस पर्सियस (HMS Perseus) एक ब्रिटिश पार्थियन-श्रेणी की पनडुब्बी थी. 1941 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक हादसे के चलते यह समुद्र में डूब गई थी. इसमें सवार सभी लोग मारे गए थे. लेकिन सिर्फ एक इंसान ही इसमें चमत्कारिक रूप से बच सका था. वो था जॉन केप्स (John Capes), वो भी पनडुब्बी के खो जाने के 18 महीने बाद दुनिया के सामने आया था. तो चलिए जानते हैं इस पूरी कहानी को विस्तार से...
एचएमएस पर्सियस (HMS Perseus) एक सबमरीन थी, जिसे ब्रिटिशर्स ने मिस्र के एलेक्जेंड्रिया (Alexandria) को सौंपा था. इसे 1929 में बनाया गया था. इसका काम बस एलेक्जेंड्रिया से माल्टा आइलैंड तक जरूरी सामान पहुंचाना था. फिर आया 26 नवंबर 1941 का दिन जिसके बाद यह पनडुब्बी कभी सही सलामत बाहर न आ सकी.
दरअसल, इस दिन HMS पर्सियस माल्टा से निकलकर एलेक्जेंड्रिया वापस जाने के लिए निकली. 10 दिन तक तो सब कुछ सही रहा. लेकिन बदकिस्मती से 6 दिसंबर 1941 की रात को 10 बजे HMS पर्सियन समुद्र के अंदर एक इतालवी माइन की चपेट में आ गई. जिसके बाद इसमें जोरदार धमाका हुआ. जिसके बाद इसने समुद्र में डूबना शुरू कर दिया.
उस वक्त इस पनडुब्बी में कुल 61 लोग सवार थे. जिसमें से 59 स्टाफ के लोग और दो यात्री शामिल थे. उन दो यात्रियों को एलेक्जेंड्रिया वापस जाना था. इसलिए वे इस पनडुब्बी के जरिए माल्टा से वापस एलेक्जेंड्रिया जा रहे थे. उन दो यात्रियों में से एक थे 31 वर्षीय जॉन केप्स (John Capes) जो कि एकलौते ऐसे शख्स थे जो इस हादसे में जिंदा बच सके थे. क्योंकि बाकी सभी लोगों की इस हादसे में मौत हो गई थी.
जब सबमरीन में धमाका हुआ तो जॉन अपने बंकर में लेटे हुए थे. उन्हें जोरदार धमाके की आवाज आई. और इसी धमाके के बाद जॉन को भी जोरदार झटका लगा, जिस कारण वह बंकर से बाहर की तरफ आ गिरे. पूरी सबमरीन में लाइट बंद हो गईं. फिर सबमरीन तेजी से समुद्र की गहराई में समाने लगी.
अब यह पनडुब्बी 170 फीट नीचे मौजूद तल पर जाकर रुकने वाली थी. केप्स ने सोचा कि उनके पास अभी भी मौका है इस सबमरीन से निकलने का. किस्मत से उनके हाथ एक टॉर्च लग गई. टॉर्च जलाते ही केप्स ने देखा कि सबमरीन से ऑक्सीजन बाहर जा रही है और समुद्र का खारा पानी उसमें भरता जा रहा है, वो भी बहुत ही तेजी से.
लाशों के ऊपर से निकलते हुए इंजन तक पहुंचे केप्स सबमरीन से बाहर निकलने की उम्मीद में केप्स करीब 24 लाशों के ऊपर पैर रखते हुए बाहर की तरफ निकलने लगे. वो इंजन रूम तक पहुंचे. उन्हें जाना तो उससे भी आगे था लेकिन वो इससे आगे जा नहीं सके. क्योंकि वो उसके आगे का गेट खोलते तो पानी एकदम से पनडुब्बी के अंदर आ जाता और उनकी मौत तभी हो जाती.

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