कोरोना संकट: बीमारी से भी खतरनाक हुआ लापरवाह सिस्टम, कई राज्यों में बेकार पड़े हैं प्राणरक्षक वेंटिलेटर
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देश के अलग-अलग राज्यों में अभी जितनी मौत कोरोना से हो रही हैं, उसमे एक बड़ा हिस्सा महामारी से लड़ने में नाकामयाब सरकारी प्रबंधन, सरकारी अस्पतालों की फेल व्यवस्था और कोरोना से बचाव में मृत सरकारी इच्छाशक्ति के कारण है.
कोरोना वायरस की इस ताज़ा लहर ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है. देश के अलग-अलग राज्यों में अभी जितनी मौत कोरोना से हो रही हैं, उसमें एक बड़ा हिस्सा महामारी से लड़ने में नाकामयाब सरकारी प्रबंधन, सरकारी अस्पतालों की फेल व्यवस्था और कोरोना से बचाव में मृत सरकारी इच्छाशक्ति के कारण है. आम लोगों के प्राण कोरोना तब छीन ले रहा है, जब उन जिंदगियों को बचाने वाले वेंटिलेटर कमरों में बंद पड़े हैं, धूल खा रहे हैं. देश के अलग-अलग राज्यों से जो सच्चाई निकलकर सामने आई है, आप भी उससे रू-ब-रू होइए...More Related News
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.