कोरोना इफेक्ट: मुंबई के डब्बावालों का बिजनेस चौपट, सरकार से मांगी मदद
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साल 2020 में जिस तरह के हालात थे, इस बार उससे भी भयावह हालात दिख रहे हैं. महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मशहूर डब्बावाले फिर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, ऐसे में उन्होंने राज्य सरकार से मदद मांगी है.
कोरोना का संकट एक बार फिर पिछला बरस याद दिला रहा है. साल 2020 में जिस तरह के हालात थे, इस बार उससे भी भयावह हालात दिख रहे हैं. महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मशहूर डब्बावाले फिर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, ऐसे में उन्होंने राज्य सरकार से मदद मांगी है. मुंबई के डब्बावालों के प्रवक्ता विष्णु कलडोके का कहना है कि कुल 5 हज़ार डब्बावालों में से 400-500 ही अभी काम कर रहे थे. लेकिन अब नई गाइडलाइन्स आ गई हैं, जिसमें और भी पाबंदियां हैं. ऐसे में अब सिर्फ 200-250 ही काम कर पा रहे हैं. ऐसे में हम राज्य सरकार से अपील करते हैं आर्थिक मदद की जाए. बता दें कि मुंबई के डब्बावाले दुनियाभर में मशहूर हैं. मुंबई की भागदौड़ भरी जिंदगी में खाना पहुंचाने का काम हजारों डब्बावाले करते हैं. लेकिन पहले 2020 के लॉकडाउन और अब इस साल के हालात ने इनपर संकट ला दिया है. Mumbai | Dabbawalas facing tough time due to fresh covid restrictions in the state Out of 5,000 dabbawalas, only 400-500 were working. With new lockdown restrictions, only 200-250 are now left. We're again urging the govt for financial help: Vishnu Kaldoke, Mumbai Dabbawala spox pic.twitter.com/izYo2V7C5sहिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.