
कभी असीरियन ने यहां राज किया तो कभी रोमन्स ने... गाजा पट्टी की हिस्ट्री जिसे अब कब्जाने वाले हैं अमेरिका-इजरायल
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गाजा पट्टी बीते दशकों से तो संघर्ष और हिंसा का केंद्र ही बना हुआ है. 1948 में इजरायल के निर्माण के साथ ही इस क्षेत्र का भू-राजनीतिक महत्व बढ़ गया. इजरायल और अरब देशों के बीच चले संघर्षों में गाजा पट्टी की भूमिका महत्वपूर्ण रही है.
गाजा पट्टी, फिलिस्तीन के दक्षिण-पश्चिमी कोने में मौजूद, एक ऐसा क्षेत्र है जिसका इतिहास हमेशा से जटिलता और संघर्षों से भरा रहा है. यह इलाका अतीत में विभिन्न साम्राज्यों का हिस्सा रहा है, जिनमें असीरियन, रोम, और अन्य प्रमुख शक्तियों का शासन था. वर्तमान में, गाजा पट्टी की स्थिति एक बार फिर विवादों में है, जिसमें अमेरिका और इजरायल की उपस्थिति और उनकी नीतियों ने इस क्षेत्र के भविष्य पर गहरा प्रभाव डाला है.
असीरियन साम्राज्य से जुड़ी है गाजा के इतिहास की जड़ें गाजा पट्टी का इतिहास हजारों साल पुराना है. इसकी जड़ें प्राचीन असीरियन साम्राज्य, से भी जाकर जुड़ती हैं, जिसने हजारों-हजार साल पहले गाजा पट्टी पर अपना नियंत्रण स्थापित किया था. ये इतिहास गाजा के इतिहास को इजिप्ट की प्राचीनता के इर्द-गिर्द ले जाता है. ऐसे कई दस्तावेज मिलते हैं, जिनमें जिक्र होता है कि असीरियन साम्राज्य ने गाजा को नियंत्रित करते हुए इसे जगह भौगोलिक तौर पर अपने लिए जरूरी माना था.
रोमन इतिहास का भी हिस्सा रहा है गाजा इसके बाद, गाजा पट्टी में रोमनों का प्रभुत्व स्थापित हुआ. रोम साम्राज्य ने 1वीं शताब्दी ईसा पूर्व में गाजा को अपने साम्राज्य का हिस्सा बना लिया. रोमन ने इस क्षेत्र का महत्व समझा और इसे अपनी कमर्शियल जरूरतों के लिए उपयोग किया. गाजा एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र के रूप में उभरा, जहाँ से एशिया, यूरोप और अफ्रीका के बीच व्यापारिक मार्ग गुजरते थे.
रोमन्स ने गाजा की संस्कृति और प्रशासन में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए. उन्होंने यहां के स्थानीय लोगों की परंपराओं का सम्मान करते हुए उन्हें रोम की राजनीतिक व्यवस्था में शामिल किया. हालांकि, रोम साम्राज्य के अंत और मध्यकालीन युग में, गाजा पट्टी के अंदर कई बार विद्रोह और संघर्ष हुआ. रोम साम्राज्य के पतन के बाद, गाजा पट्टी पर मुस्लिम साम्राज्य का प्रभुत्व स्थापित हुआ.
गाजा में विकसित हुई अरब संस्कृति अरबों ने 7वीं शताब्दी में इस क्षेत्र पर कब्जा किया और इसे इस्लामी साम्राज्य का हिस्सा बना लिया. मुस्लिम शासकों ने गाजा को एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया. हालांकि, इस क्षेत्र में लगातार संघर्ष होते रहे, जिसमें क्रूसेडर्स, ममलुक्स और फिर ओटोमन साम्राज्य का प्रभुत्व भी रहा.
20वीं शताबदी की शुरुआत में गाजा पट्टी में ब्रिटिश साम्राज्य का प्रभुत्व था, जो फिलिस्तीनी क्षेत्र के बड़े हिस्से पर शासन कर रहा था. ब्रिटिश शासन ने फिलिस्तीन के क्षेत्र में यहूदी और अरब समुदायों के बीच तनाव को बढ़ाया, क्योंकि ब्रिटिश शासन ने यहूदी आव्रजन को बढ़ावा दिया, जिससे फिलिस्तीनी अरबों में असंतोष फैल गया. गाजा में ब्रिटिश शासन के दौरान कई स्थानीय आंदोलनों और संघर्षों ने जन्म लिया, जिसमें फिलिस्तीनी स्वतंत्रता संग्राम प्रमुख था.

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