
कनाडाई सिखों को खुश करते हुए बहुमत के बीच घटी जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता, अब क्या हो सकता है?
AajTak
भारत के बाद अमेरिका से भी कनाडा के रिश्ते बिगड़ते दिख रहे हैं. इस बीच जस्टिन ट्रूडो सरकार घरेलू मोर्चे पर भी घिरने लगी. न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) ने उन्हें आगे सपोर्ट देने से हाथ खींच लिए हैं. दोहरी मार ये कि देश में बड़ी आबादी प्रधानमंत्री ट्रूडो के खिलाफ हो रही है. एक सर्वे के मुताबिक, 73 फीसदी कनाडियन चाहते हैं कि ट्रूडो को इस्तीफा दे दें.
कनाडा में आने वाले अक्टूबर में फेडरल चुनाव होने वाले हैं. लेकिन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार इतने समय तक भी रुक सकेगी, इसमें शक है. दरअसल, पिछले ढाई सालों से अल्पमत सरकार को सपोर्ट कर रही न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) ने लीडर जगमीत सिंह ने खुद ही ट्रूडो के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कर दी. वे नए साल पर सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे. इस बीच ट्रूडो की अपनी पार्टी से लेकर देश में भी उनकी लोकप्रियता तेजी से गिरी.
क्या ट्रूडो की सिख आबादी को खुश करने की कोशिश उनपर भारी पड़ रही है? या कोई और वजह है, जो उनके लोग ही उनसे नाराज हैं?
आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी मिली न पूरी पावे- ये कहावत कनाडाई पीएम पर फिट बैठ रही है. साल 2015 में लगभग 43 वर्ष की उम्र में ट्रूडो सबसे कम उम्र के नेता बने. एकदम से इंटरनेशनल सीन में आए इस नेता की लोकप्रियता तेजी से बढ़ती ही रही, जब तक कि साल 2017 में अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप नहीं आ गए.
ट्रंप ने जब अपने यहां इमिग्रेंट्स को सीमित करना चाहा तो ट्रूडो ने लगभग ललकारते हुए अपनी उदार नीतियों की बात की. साथ ही वहां से रिजेक्ट हो रहे लोगों को अपने यहां बुलाने लगे. इसके बाद से ग्लोबल राजनीति में कनाडा और अमेरिका के बीच हल्की दरार दिखने लगी. इसका असर ये हुआ कि बाकी देश भी ट्रूडो की पॉलिसीज से अप्रत्यक्ष दूरी रखने लगे.
लेनी पड़ी छोटी पार्टियों की मदद

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







