
ओडिशा: जवाहर लाल नेहरू का इलाज करने वाले डॉक्टर का निधन, 96 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
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जवाहर लाल नेहरू का इलाज करने वाले डॉक्टर गोबिंद चंद्र दास का ओडिशा के केंद्रपाड़ा में निधन हो गया. जब नेहरू साल 1964 में भुवनेश्वर दौरे पर गए थे, उस समय उनकी तबीयत खराब हो गई थी तब डॉ. दास ने उनका इलाज किया था.
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का इलाज करने वाले डॉक्टर गोबिंद चंद्र दास का ओडिशा के केंद्रपाड़ा में निधन हो गया है. साल 1964 में भुवनेश्वर दौरे पर आए पूर्व पीएम की तबीयत खराब हुई थी. उस समय डॉक्टर गोबिंद चंद्र दास राज्यपाल के पर्सनल फिजिशियन के रूप में तैनात थे.
ओडिशा के केंद्रपाड़ा में डॉक्टर गोबिंद चंद्र दास का 96 साल की उम्र में निधन हो गया. उनकी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है. जनवरी, 1964 में पंडित नेहरू जब इंडियन नेशनल कांग्रेस के 68वें सत्र को संबोधित करने के लिए गए थे, उसी समय उनकी तबीयत खराब हुई थी. उनका इलाज राज्यपाल के पर्सनल फिजिशियन के रूप में तैनात डॉक्टर गोबिंद चंद्र दास ने किया था. डॉ. दास ने पूर्व पीएम का चेकअप किया और उनसे अपील की कि सभी सभाएं कैंसिल कर दें और छह दिन आराम करें.
पंडित नेहरू ने डॉक्टर की सलाह मानते हुए उसका पालन किया था. नेहरू के बीमार रहने पर इंदिरा गांधी अपने पिता के पास अधिकांश समय बिताती थीं और उनकी देखभाल करती थीं. 27 मई, 1964 को नई दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने के बाद नेहरू का निधन हो गया.
SCB मेडिकल कॉलेज के पहले बैच के छात्र थे डॉ. दास
डॉ. दास कटक के SCB मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पहले बैच के पासआउट थे. एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने भारतीय सेना में 1949 से आठ साल तक काम किया और पंजाब, पुणे और अन्य स्थानों पर तैनात रहे. साल 1958 में उन्होंने SCB मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में काम करना शुरू किया और 1959 से 1964 तक राज्यपाल के पर्सनल फिजिशियन के रूप में काम किया. रिटायरमेंट के बाद डॉ. दास ने केंद्रपाड़ा शहर में अपने घर में मरीजों का इलाज किया. केंद्रपाड़ा के विधायक शशिभूषण बेहरा और शहर के अन्य लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.

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