'अस्पतालों में गोलीबारी, बच्चों की हत्या टोरा में नहीं', तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने फिर की इजरायल की आलोचना
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टोरा हिब्रू बाइबिल की पहली पांच पुस्तकों का संकलन है. इसे ईसाइयों द्वारा पेंटाटेच या मूसा की पांच पुस्तकों के रूप में जाना जाता है. इसे यहूदी परंपरा में लिखित टोरा के रूप में भी जाना जाता है. इसका जिक्र करते हुए तुर्की के राष्ट्रपति ने एक बार फिर इजरायल की आलोचना की है.
इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है. इसको लेकर एक बार फिर तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन का बयान सामने आया है. उन्होंने गाजा के अस्पतालों पर हो रही इजरायली बमबारी की आलोचना की है. इसके लिए उन्होंने हिब्रू बाइबिल का भी जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में गोलीबारी करना या बच्चों को मारना टोरा में मौजूद नहीं है.
दरअसल, टोरा हिब्रू बाइबिल की पहली पांच पुस्तकों का संकलन है. इसे ईसाइयों द्वारा पेंटाटेच या मूसा की पांच पुस्तकों के रूप में जाना जाता है. इसे यहूदी परंपरा में लिखित टोरा के रूप में भी जाना जाता है.
एर्दोगन ने कहा, "देखो, पूजा स्थलों पर हमला किया गया है, चर्चों पर हमला किया गया है, अस्पतालों पर हमला किया गया है. लेकिन अस्पतालों पर गोलीबारी करना, बच्चों को मारना, ये चीजें टोरा में नहीं हैं, आप ऐसा नहीं कर सकते. यह मानवाधिकार के हित में नहीं है, आप ऐसा नहीं कर सकते. यही कारण है कि हमें इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध को ऋणग्रस्तता के मनोविज्ञान से नहीं देखना चाहिए.
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में आगे बोलते हुए एर्दोगन ने सुझाव दिया कि जर्मनी ने नरसंहार के अपराध बोध के कारण गाजा युद्ध में इजरायल का समर्थन किया.
तुर्की के राष्ट्रपति ने तुर्की के साथ भी तुलना की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि वह बिना किसी पूर्वाग्रह के अपनी बात कहने में सक्षम है. तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा, "जो लोग इजरायल के प्रति कृतज्ञ महसूस करते हैं, वे खुलकर नहीं बोल सकते. हम होलोकॉस्ट प्रक्रिया से नहीं गुजरे, हमारे पास ऐसी स्थिति नहीं है, क्योंकि मानवता के प्रति हमारा सम्मान अलग है."
एर्दोगन ने कहा, "देखिए, हम खुलकर बात कर सकते हैं क्योंकि हम पर इजरायल का कोई कर्च नहीं है."
गाजा में इजरायली सुरक्षाबलों और हमास के बीच संघर्ष जारी है. इसी बीच हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि गाजा पट्टी पर इजरायली हमलों में फिलिस्तीनियों की मौत की संख्या बढ़कर 36,731 हो गई है, जबकि 83,530 लोग घायल हो गए हैं. मंत्रालय ने यह भी बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान इजरायली सुरक्षाबलों के हमलों में 77 लोगों की मौत हो गई.