
Sri lanka Crisis: गोटाबाया राजपक्षे ने नहीं दिया इस्तीफा, देश में बवाल के बाद लगा कर्फ्यू, 10 बड़े अपडेट
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बुधवार शाम स्पीकर द्वारा बुलाई गई एक इमरजेंसी मीटिंग में शामिल हुए नेताओं ने मांग की कि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे अपने पद से इस्तीफा दें और कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में भी इस्तीफा दें. विपक्षी दलों ने मांग की कि स्पीकर को अंतरिम स्पीकर के रूप में कार्यभार संभालना चाहिए.
श्रीलंका में राजनीतिक और आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. एक ओर बीते कई महीनों से जरूरी वस्तुओं की आसमान छूती महंगाई से नाराज प्रदर्शनकारी अपने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए. वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दलों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है.
बुधवार शाम स्पीकर द्वारा बुलाई गई एक इमरजेंसी मीटिंग में शामिल हुए नेताओं ने मांग की कि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे अपने पद से इस्तीफा दें और कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में भी इस्तीफा दें. विपक्षी दलों ने मांग की कि स्पीकर को अंतरिम स्पीकर के रूप में कार्यभार संभालना चाहिए. पिछले शनिवार को विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था, जब प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के घरों और कार्यालयों पर धावा बोल दिया. यहां तक कि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास में प्रदर्शनकारियों ने आग भी लगा दी थी. हजारों लोगों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया. वीडियो में उनमें से कई को परिसर के अंदर पूल में तैरते हुए, राष्ट्रपति के बिस्तर पर कुश्ती करते हुए और रसोई में खाना बनाते हुए देखा गया. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दिए बिना देश छोड़कर भाग गए. पहले वो मालदीव में रहे, जिसके बाद देर रात सिंगापुर के लिए रवाना हुए. हालांकि मालदीव में गोटाबाया के खिलाफ प्रदर्शन भी हुए.
1- बुधवार सुबह जब राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे एक सैन्य विमान से मालदीव भाग गए तो उसके कुछ ही देर बाद श्रीलंका में आपातकाल घोषित कर दिया गया. देश में सबसे खराब आर्थिक हालात के बीच राष्ट्रपति के ऐसे देश छोड़ने से नाराज प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय पर धावा बोल दिया. देश में मचे बवाल के बीच गुरुवार की सुबह 5 बजे तक देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया गया.
2- 73 वर्षीय गोटाबाया राजपक्षे ने बुधवार को इस्तीफा देने से पहले मालदीव चले गए. दरअसल नई सरकार द्वारा गिरफ्तारी की संभावना से बचने के लिए उन्होंने देश छोड़ दिया था. उससे पहले प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त कर दिया गया था, जिससे विरोध की एक नई लहर शुरू हो गई.
3- मालदीव की राजधानी माले के सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि राजपक्षे के मालदीव भागने के लिए मालदीव की मजलिस (संसद) के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने बातचीत की थी. मालदीव सरकार का तर्क है कि राजपक्षे अभी भी श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं और उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है. साथ ही किसी उत्तराधिकारी को अपनी शक्तियां नहीं दी हैं. इसलिए अगर वह मालदीव की यात्रा करना चाहते थे तो इससे इनकार नहीं किया जा सकता था.
4- हालांकि मालदीव सरकार ने अभी तक एक आधिकारिक बयान नहीं दिया है, मालदीव नेशनल पार्टी (MNP) के नेता और मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री दुन्या मौमून ने कहा कि यह बहुत निराशाजनक है कि मालदीव सरकार ने श्रीलंकाई लोगों की भावनाओं की परवाह नहीं की. संसद सचिवालय में संचार निदेशक हसन जियाउ ने कहा कि संसद को इस मामले की जानकारी नहीं थी.

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