
Sri Lanka Crisis: अब खाद्य संकट से जूझ रहा श्रीलंका, 60 लाख से अधिक लोगों के सामने बड़ी चुनौती
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श्रीलंका को अपने 20 लाख से अधिक लोगों के बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अगले छह महीनों में लगभग 5 बिलियन अमरीकी डालर की आवश्यकता है, जो लंबी कतारों, बिगड़ती कमी और बिजली कटौती से जूझ रहे हैं.
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में 60 लाख से अधिक लोगों के सामने खाने का संकट पैदा हो गया है. वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के हवाले से कहा गया है कि श्रीलंका की 28 प्रतिशत से अधिक आबादी खाद्य संकट से जूझ रही है. दावा किया गया है कि ये स्थिति और खराब हो सकती है. फिलहाल, श्रीलंका खाद्य के अलावा विदेशी मुद्रा संकट से भी गंभीर रूप से जूझ रहा है. श्रीलंकाई सरकार आवश्यक आयात के बिल को भी चुकाने में असमर्थ है.
आर्थिक संकट के कारण खाना, दवा, रसोई गैस, ईंधन और टॉयलेट पेपर जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है, जिससे श्रीलंकाई लोगों को ईंधन और रसोई गैस खरीदने के लिए दुकानों के बाहर घंटों कतारों में इंतजार करना पड़ रहा है.
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) ने शुक्रवार को एक स्थिति रिपोर्ट में कहा कि देश में 63 लाख लोग यानी 28.3 प्रतिशत आबादी के सामने खाने का संकट है. अगर स्थितियां नहीं सुधरीं तो ये संकट और बढ़ सकता है. WFP ने कहा कि खाने-पीने के सामानों की आसमान छूती कीमतों के चलते करीब लोग पर्याप्त आहार नहीं ले पा रहे हैं.
पिछले तीन महीनों में आय में भी आई गिरावट
पिछले तीन महीनों में श्रीलंकाई नागरिकों की आय में भी गिरावट आई है. पांच में से दो परिवारों ने बताया कि उनकी आय आधी हो गई है. जून 2022 में खाद्य मुद्रास्फीति 80 प्रतिशत तक पहुंच गई थी.
भारत ने श्रीलंका को दिए ये आश्वासन

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