
Russia-Ukraine War: रूस बॉर्डर पर नाटो के 30 हजार सैनिक डटे, क्या महायुद्ध का बारूदी रिहर्सल शुरू?
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Russia-Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के पोलैंड दौरे से पहले रूस बॉर्डर पर हलचल तेज हो गई है. NATO देशों के सैनिकों ने रूस सीमा पर युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है.
Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन जंग का आज 28वां दिन खत्म होने जा रहा है. दोनों देशों के बीच जंग थमने का नाम नहीं ले रही. इसी बीच युद्धकाल के दौरान रूस बॉर्डर से चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. रूस बॉर्डर पर एक-दो नहीं बल्कि नाटो देशों के 30 हजार सैनिक युद्धाभ्यास कर रहे हैं. युद्धाभ्यास में परमाणु पनडुब्बी तक शामिल हैं, तो क्या रूस पर किसी बड़े एक्शन की तैयारी है?
दरअसल, यूक्रेन के बॉर्डर पर बीते कुछ दिनों में लडाकू विमानों को रडार ने ट्रेस किया है. दावा यही किया जा रहा है कि विमान खतरनाक मिसाइल से लैस थे. बड़ी बात ये है कि ये विमान ना तो यूक्रेनी सेना के हैं और ना ही रूसी सेना के हैं. ना ही हंगरी के एयरस्पेस में दाखिल होने के बाद लड़ाकू विमानों से जुड़ी जानकारी को दुनिया से साझा की गई.
माना यही जा रहा है कि यूक्रेन बॉर्डर और हंगरी एयरस्पेस में नजर आए लड़ाकू विमान अमेरिका के हो सकते हैं. लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है. यहां आपको ये याद रखना है कि युद्ध के दौरान रूस के 70 से ज्यादा फाइटर प्लेन और 100 से ज्यादा सैन्य हेलिकॉप्टर नष्ट हो चुके हैं. तो क्या कीव का भूत जिसे बताया जा रहा है और रूसी विमानों को गिराने वाले जिस पायलट के रहस्य में अभी तक रूस उलझा हुआ हैं, कहीं वो यही फाइटर प्लेन तो नहीं है?
रूस को रोकना अमेरिका और नाटो मुल्कों के लिए क्यों जरूरी है? दरअसल, बीते साल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि रूस ने एक ऐसी परमाणु मिसाइल तैयार कर ली है जो पूरी दुनिया में कहीं भी मार कर सकती है और हर लक्ष्य को भेद सकती है. पुतिन का दावा है कि इस मिसाइल को रोक पाना असंभव है. रूस के सरकारी टीवी पर पुतिन ने लोगों को एक प्रज़ेंटेशन भी दिखाया था. इसमें पुतिन ने कहा कि रूस ऐसे ड्रोन भी तैयार कर रहा है जिन्हें पनडुब्बियों से छोड़ा जा सकेगा और वो परमाणु हमला करने में सक्षम होंगे. पुतिन ने आगे कहा था कि रूस की नई मिसाइल को यूरोप और एशिया में बिछे अमरीकी डिफ़ेंस सिस्टम भी नहीं रोक सकते.
दूसरी तरफ, अमरीकी राष्ट्रपति ने भी अपने परमाणु हथियारों के आधुनीकीकरण का ऑर्डर दिया था. ऑर्डर के बाद क्या हुआ, अभी तक दुनिया के लिए ये टॉप सीक्रेट है. इसका मतलब ये है कि रूस को यूक्रेन में अगर नहीं रोका गया तो उसका अगला टारगेट रूस से सटे दूसरे मुल्क बनेंगे, जो नाटो के सदस्य हैं. खतरा बड़ा है. लिहाजा आर-पार की लड़ाई के लिए NATO के 30 हजार सैनिकों का युद्धाभ्यास शुरू हो चुका है. ठीक वैसे ही माइनस डिग्री के तापमान में, जहां पर रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध चल रहा है.
NATO देश और रूस की ताकत में कौन कितना शक्तिशाली है? -नाटो देशों के पास 54 लाख, 5 हज़ार, 700 सैनिक हैं - जबकि रूस के पास 13 लाख, 50 हज़ार सैनिक हैं

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