
PUC का फर्जीवाड़ा, प्रतिबंधित बसों की एंट्री... 'ऑपरेशन लक्ष्मण रेखा' से दिल्ली की हवा में जहर घोलते 'मौत के सौदागरों' का पर्दाफाश
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'आजतक' के स्टिंग ऑपरेशन ने दिल्ली में चल रहे पीयूसी सर्टिफिकेट के गोरखधंधे और प्रतिबंधित बसों की अवैध एंट्री का सनसनीखेज खुलासा किया है. जांच में सामने आया कि दिल्ली और गाजियाबाद में कई पीयूसी सेंटर खुलेआम बिना वाहन जांचे सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं.
देश की राजधानी दिल्ली में जहां 3 करोड़ 40 लाख आबादी हर सर्दियों में जहरीली हवा और 'स्मॉग' के साये में जीने को मजबूर है, वहां प्रशासन की नाक के नीचे एक ऐसा सिंडिकेट चल रहा है जो चंद रुपयों के लिए लोगों के फेफड़ों में जहर भर रहा है. 'आजतक' के स्टिंग 'ऑपरेशन लक्ष्मण-रेखा' ने दिल्ली और एनसीआर में चल रहे पीयूसी (Pollution Under Control) सर्टिफिकेट के गोरखधंधे और प्रतिबंधित बसों की अवैध एंट्री का सनसनीखेज खुलासा किया है.
जांच में सामने आया कि दिल्ली और उससे सटे गाजियाबाद में कई पीयूसी (Pollution Under Control) सेंटर खुलेआम बिना वाहन जांचे सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं. गोकुलपुरी रोड स्थित अधिकृत पीयूसी सेंटर के संचालक हर्ष खन्ना, लोनी-भोपुरा रोड के संतोष और भीम मावी जैसे लोग सिर्फ गाड़ी की तस्वीर या वीडियो के आधार पर 300-400 रुपये लेकर पीयूसी सर्टिफिकेट बना रहे थे.
फर्जी पीयूसी का खुला खेल
प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य किया है, लेकिन जांच में सामने आया कि यह केवल एक कागजी खानापूर्ति बनकर रह गया है. आजतक के खुफिया कैमरे में ऐसे ही कई लोग कैद हुए जो खुलेआम फर्जी पीयूसी जारी कर रहे हैं. हमारी अंडरकवर टीम दिल्ली के गोकुलपुरी रोड स्थित अधिकृत पीयूसी सेंटर P-1083 पर पहुंची. यहां सेंटर संचालक हर्ष खन्ना बिना किसी वाहन जांच के सिर्फ फोटो के आधार पर पीयूसी सर्टिफिकेट बनाने को तैयार हो गया. सरकारी रेट 95 रुपये होने के बावजूद 400 रुपये नकद लेकर फर्जी पीयूसी जारी किया गया.
स्टिंग के दौरान दिल्ली के ज्योति नगर थाने में खड़ी BS-4 कार (DL12CH0139) और एक बाइक (DL5SCP9887), जिनके पीयूसी महीनों पहले एक्सपायर हो चुके थे, उनकी तस्वीर भेजते ही चंद मिनटों में वैध पीयूसी सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए. जांच करने पर ये सर्टिफिकेट सरकारी पोर्टल पर सही पाए गए.
गाजियाबाद में भी वही कहानी

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