
NTA विवाद: ये 7 अधिकारी तय करेंगे एनटीए कितना 'साफ'! शिक्षा मंत्रालय ने बनाई हाई-लेवल कमेटी
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शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. डॉ. के. राधाकृष्णन इसरो के पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष हैं.
NEET UG 2024 परीक्षा में कथित धांधली को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने NTA मामले में उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है. शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है. इसरो के पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर BoG अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली हाईलेवल कमेटी परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की संरचना व कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करेगी.
2 महीने में रिपोर्ट सौंपेगी कमेटी
शिक्षा मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी एनटीए में हर स्तर पर पदाधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियों के साथ-साथ वर्तमान में एनटीए के शिकायतों को सुलझाने की प्रक्रिया का आकलन करेगी. जहां सुधार की जरूरत है उनकी पहचान और इसकी दक्षता बढ़ाने के लिए सिफारिशें पेश करेगी. समिति 2 महीने के भीतर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
NTA मामले में बनाई गई हाई लेवल कमेटी में कौन-कौन से अधिकारी शामिल हैं-
1. डॉ. के. राधाकृष्णन (इसरो पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष) 2. डॉ. रणदीप गुलेरिया (एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक) 3. प्रो. बी जे राव (केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद के कुलपति) 4. प्रो. राममूर्ति के (प्रोफेसर एमेरिटस, सिविल इंजीनियरिंग विभाग,आईआईटी मद्रास) 5. पंकज बंसल (सह-संस्थापक, पीपल स्ट्रॉन्ग और बोर्ड सदस्य- कर्मयोगी भारत) 6. प्रो. आदित्य मित्तल (डीन स्टूडेंट अफेयर्स, आईआईटी दिल्ली) 7. गोविंद जायसवाल (संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय)
शिक्षा मंत्री ने धर्मेद्र प्रधान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर लिखा, 'ट्रांसपरेंसी, टेंपर-फ्री और जीरो-एरर एग्जाम कराना एक प्रतिबद्धता है. एक्सपर्ट्स की हाईलेवल कमेटी का गठन परीक्षा प्रक्रिया की दक्षता में सुधार, सभी संभावित कदाचारों को समाप्त करने, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने और एनटीए में सुधार करने के लिए उठाए गए कदमों की सीरीज में पहला कदम है. छात्र हित और उनका उज्ज्वल भविष्य हमेशा हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी.'

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