
Farmers Protest: चंडीगढ़ में आज से किसानों का आंदोलन, एक्शन में मान सरकार, SKM की दो दोटूक, पूरे पंजाब में पुतले जलाएंगे
AajTak
संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार से एक सप्ताह तक चलने वाले धरने का ऐलान किया है. इस बीच, पुलिस ने पंजाब के कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया है. वहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आंदोलनकारी किसान यूनियनों को चेतावनी दी है. मान ने कहा, पंजाब को धरने वाले राज्य में बदल दिया गया है और इससे भारी नुकसान पहुंचा है. मान ने कहा कि हमने किसान संगठनों से स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्हें इस धारणा में नहीं रहना चाहिए कि वो कार्रवाई नहीं कर सकते.
चंडीगढ़ में आज किसानों का मार्च प्रस्तावित है. किसान संगठनों ने अगले एक हफ्ते तक धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है. इस बीच, पंजाब की भगवंत मान सरकार अलर्ट हो गई है और किसान नेताओं पर एक्शन लेना शुरू कर दिया है. कई किसान नेता पुलिस हिरासत में हैं या नजरबंद रखे गए हैं. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की है. इधर, चंडीगढ़ पुलिस ने आंदोलन को देखते हुए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है.
दरअसल, किसानों ने ऐलान किया है कि वो 5 मार्च से चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन करेंगे. इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के साथ बैठक की. हालांकि, ये बैठक बेनतीजा निकली और किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे. उसके बाद सीएम मान अचानक बैठक छोड़कर चले गए. इस बीच, पुलिस सख्त हुई और चंडीगढ़ से पंजाब तक ताबड़तोड़ एक्शन देखे गए. किसान नेता दलजिंदर गिरफ्तार हो गए हैं. कुलवंत सिंह को नजरबंद रखा गया.
'हम आज पुतले जलाएंगे'
किसान नेता सरवन पंढेर ने कहा, हम एसकेएम के किसान नेताओं पर मान सरकार की कार्रवाई की आलोचना करते हैं. इसलिए हम बुधवार को पूरे पंजाब में मान सरकार के पुतले जलाएंगे और किसान नेताओं की रिहाई की मांग करेंगे. भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा, सरकार ऐसे कदमों से किसानों की आवाज नहीं दबा सकती.
'मोर्चा लगाना था तो मीटिंग क्यों की?'
किसानों पर कार्रवाई पर नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधा और कहा, भगवंत मान को बर्खास्त किया जाना चाहिए. वो शासन करने के योग्य नहीं हैं. वहीं, किसानों के धरना से पहले पुलिस के एक्शन पर सीएम भगवंत मान ने भी बयान दिया और दो टूक कहा, अगर मोर्चा ही लगाना था तो मीटिंग क्यों की. धरने की इजाजत नहीं है.

महाराष्ट्र के चंद्रपुर में कर्ज चुकाने के लिए किडनी बेचने का दावा करने वाले किसान रोशन कुदे की मेडिकल जांच में पुष्टि हुई है कि उसके पास केवल एक किडनी है. मामले में छह साहूकार गिरफ्तार किए गए हैं. पुलिस मानव अंग तस्करी और अवैध कर्ज वसूली के एंगल से जांच कर रही है. दावे के मुताबिक इस किसान ने साहूकारों से 50 हजार का कर्ज लिया था जो ब्याज के साथ बढ़कर 74 लाख रुपये तक पहुंच गया.

सुप्रीम कोर्ट ने बोतलबंद पानी की गुणवत्ता से जुड़ी जनहित याचिका की सुनवाई से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश में पीने के पानी की उपलब्धता प्राथमिकता है और बोतलबंद पानी के मानकों पर विचार करने के लिए सक्षम प्राधिकरण मौजूद है। याचिका में बोतलबंद पानी के पुराने मानकों और प्लास्टिक से रिसने वाले रसायनों के स्वास्थ्य प्रभावों को लेकर चिंता जताई गई थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को संबंधित प्राधिकरण के समक्ष अपनी बात रखने की सलाह दी।

रायपुर की सड़कों पर बिजली के खंभे, पेड़ और ट्रैफिक सिग्नल तक बैनरों से भर गए हैं, जो ड्राइवरों के लिए खतरा भी बन रहे हैं. नगर निगम ने अवैध फ्लेक्स हटाने और जुर्माना लगाने की कार्रवाई तेज कर दी है. पर्यावरण कार्यकर्ता बताते हैं कि ये प्लास्टिक बैनर प्रदूषण बढ़ाते हैं और पेड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं. मौसम खराब होने पर ये बैनर गिरकर सड़क जाम और दुर्घटना का कारण बनते हैं.

राजधानी में प्रदूषण और उत्तर भारत में कोहरे का कहर... PUCC से जुड़े फैसले पर क्या बोले दिल्ली के लोग
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और GRAP-4 के चलते 18 दिसंबर से बिना वैध PUC पेट्रोल-डीजल पर रोक लगी. बॉर्डर पर सख्ती बढ़ी, कोहरे से यातायात और खेल गतिविधियां भी प्रभावित हुईं.

MGNREGA के स्थान पर विकसित भारत रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल 2025 को लोकसभा में पारित कर दिया गया है. इस बिल को पारित करने के दौरान विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया और बिल की कॉपी फाड़ दी. इस नए बिल का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका को और बेहतर बनाना है ताकि बेरोजगारी कम हो और ग्रामीण इलाकों के विकास को बढ़ावा मिले. यह बिल भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और लोगों को स्थायी रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

महाराष्ट्र में बीएमसी चुनाव को लेकर सियासी तपिश गर्म है, लेकिन शरद पवार मुंबई से दूरी बनाए हुए हैं. कांग्रेस के EVM के मुद्दे से पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने एक तरफ किनारा कर लिया और अपने सांसदों के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलीं. ऐसे में सवाल उठता है कि शरद पवार की पार्टी के मन में चल क्या रहा है?







