
DNA ANALYSIS: टोक्यो ओलंपिक में हॉकी के वो '60 मिनट', जिन्हें भारत से कोई नहीं छीन सकता
Zee News
इस बार के Tokyo ओलम्पिक खेलों में भारत की पुरुष और महिला हॉकी टीम Semifinal में पहुंच चुकी हैं. करीब 49 साल बाद ऐसा लग रहा है कि देश हॉकी में अपना खोया गौरव वापस पाने के लिए आगे बढ़ रहा है.
नई दिल्ली: हमारे देश में क्रिकेट और हॉकी (Hockey) अंग्रेज लेकर आए थे. आगे चलकर हमने क्रिकेट में भी अंग्रेज़ों को हराया और हॉकी में भी. इस बार के Tokyo ओलम्पिक खेलों में भारत की पुरुष और महिला हॉकी टीम Semifinal में पहुंच चुकी हैं. इसके बाद से ही पूरे देश में माहौल हॉकीनुमा बना हुआ है. वर्ष 1972 यानी 49 वर्षों के बाद पहला मौक़ा है, जब भारत ओलम्पिक खेलों (Tokyo Olympics 2021) के सेमीफाइनल में पहुंचा है. हम तो ये कहेंगे कि भारत अब गोल्ड मेडल के बेहद करीब है. आज़ादी से पहले गुलाम भारत ने हॉकी के ज़रिए अपने गौरव और ताक़त को पहचाना आगे चल कर हम हॉकी की महाशक्ति बने. इसके बाद धीरे धीरे भारत के मन में हॉकी की जगह क्रिकेट बस गया और हम हॉकी को भूलते चले गए. हॉकी में ना पैसा था और ना ग्लैमर. इसलिए आज बड़ा सवाल ये है कि हमारे देश में क्या हॉकी को फिर से खोया हुआ गौरव मिलेगा? आज हम आपको हॉकी की पूरी कहानी बताएंगे.
Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.









