
Dangerous Tap Water: बच्चों के लिए खतरनाक बन सकता है नल का पानी! प्रेग्नेंट महिलाएं रखें ये सावधानी
AajTak
Dangerous Tap Water: एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि अमेरिका के नल का पानी गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है. इसकी वजह नल के पानी में मौजूद आर्सेनिक है. इससे बच्चों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है.
भारत के अधिकतर घरों में नल का पानी आता है. कई लोग उस पानी को फिल्टर करके इस्तेमाल करते हैं तो कई लोग उसे सीधे इस्तेमाल कर लेते हैं. हाल ही में कोलंबिया विश्वविद्यालय की एक नई स्टडी में पता चला है कि अमेरिका के नल के पानी में मौजूद आर्सेनिक नामक एक जहरीला कंपाउंड मां के गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है. रिसर्च के अनुसार, भले ही पानी में आर्सेनिक की मात्रा बहुत कम हो, लेकिन फिर भी यह गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.
ये रिसर्च चिंताजनक इसलिए है क्योंकि अमेरिका में करीब 28 करोड़ लोग पब्लिक वॉटर सिस्टम पर निर्भर हैं. ऐसे में बहुत से लोगों की जिंदगी खतरे से घिरी हुई है. स्टडी के मुताबिक, नल का पानी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं माना जा सकता. खासकर तब, तब बात गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों की आती है. ऐसे में सभी को इस गंभीर समस्या पर ध्यान देने की जरूरत है.
आर्सेनिक क्या है और कहां पाया जाता है? आर्सेनिक एक जहरीला केमिकल है जो धरती में, खास तौर पर चट्टानों और मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है. यह धरती और चट्टानों से रिस सकता है और ग्राउंड वॉटर में मिल सकता है जो फिर नल के पानी में आता है. अमेरिका के सभी 50 राज्यों की पब्लिक वॉटर सिस्टम सप्लाई में आर्सेनिक पाया गया है और अनुमान है कि इससे 28 करोड़ लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं.
क्यों खतरनाक है आर्सेनिक? आर्सेनिक गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए खात तौर से हानिकारक है. रिसर्च में पाया गया है कि पानी में आर्सेनिक की थोड़ी मात्रा भी समय से पहले जन्म का कारण बन सकती है. इसके कारण बहुत कम वजन के बच्चे भी जन्म ले सकते हैं. ये बच्चे जीवन भर हेल्थ प्रॉब्लम्स से पीड़ित रह सकते हैं. इन हेल्थ प्रॉब्लम्स में धीमा दिमागी विकास, सीखने में देरी, डायबिटीज, दिल की समस्या और कमजोर इम्यून सिस्टम शामिल होता है.
बच्चे को कैसे प्रभावित करता है आर्सेनिक? स्टडी में बताया गया है कि आर्सेनिक प्रेग्नेंसी के दौरान प्लेसेंटा (placenta) को क्रॉस कर सकता है. यानी यह सीधे बच्चे तक पहुंच सकता है और कई तरह के नुकसान कर सकता है. यह शरीर में हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ सकता है, डीएनए और अंगों के डेवलपमेंट में बाधा डाल सकता है, पोषक तत्वों को शरीर में ठीक से अब्सॉर्ब नहीं होने देता, सूजन पैदा करता है, जिससे समय से पहले डिलीवरी हो सकती है.
आर्सेनिक की कितनी मात्रा सुरक्षित? अमेरिका की EPA (एनवायरनमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी) के अनुसार, पानी में आर्सेनिक की अधिकतम 10 माइक्रोग्राम प्रति लीटर मात्रा सुरक्षित मानी जाती है. लेकिन इस नई रिसर्च में पाया गया कि सिर्फ 5 माइक्रोग्राम या उससे कम आर्सेनिक भी बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है. ऐसे मामलों में जन्म लेने वाले बच्चों का वजन कम होता है और उन्हें आगे चलकर ज्यादा हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.

सिंगापुर के हाई कमिश्नर टू इंडिया, साइमन वोंग ने अपनी पोस्ट में दो स्क्रीनशॉट भी साझा किए. पहला स्क्रीनशॉट इंडिगो की ओर से आया व्हाट्सऐप अलर्ट था, जिसमें फ्लाइट कैंसिल होने की जानकारी दी गई थी. दूसरा स्क्रीनशॉट शादी स्थल पर मौजूद मेहमानों द्वारा भेजा गया, जिसमें उन्हें वोंग का इंतजार करते हुए देखा जा सकता था.

इंडिगो की फ्लाइट्स के लगातार कैंसिल और घंटों की देरी के बीच यात्रियों का कहना है कि एयरपोर्ट पर स्थिति बेहद अव्यवस्थित रही. कई यात्रियों ने शिकायत की कि न तो समय पर कोई अनाउंसमेंट किया गया और न ही देरी की सही वजह बताई गई. मदद के लिए हेल्प डेस्क और बोर्डिंग गेट पर बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उन्हें स्टाफ का कोई ठोस सहयोग नहीं मिला.

'रात को हमारे फ्लैट में दो लड़कियां आईं थीं...', लड़कों को भारी पड़ा दोस्तों को बुलाना, बताया किस्सा
बेंगलुरु की हाउसिंग सोसाइटी से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पर दो बैचलर युवक पर उसके मकान मालिक ने 5000 का जुर्माना सिर्फ इसलिए लगा दिया क्योंकि उसके रूम पर दो लड़कियां रात में रुकी थीं.










