CBSE 12th Result: जानिए- सीबीएसई बोर्ड ने किस मार्किंग स्कीम से दिए टर्म 1, टर्म 2 के नंबर
AajTak
CBSE Class 12 Result: सीबीएसई बोर्ड ने 12वीं के रिजल्ट घोषित कर दिए हैं. अगर पास पर्सेंटेज की बात करें तो इस साल का पास पर्सेंटेज पिछले साल से कम है. जानिए- सीबीएई बोर्ड ने किस मार्किंंग स्कीम से दिए हैं टर्म 1 टर्म 2 के नंबर, प्रैक्टिकल के लिए क्या था फॉर्मूला?
CBSE Marking Scheme: सीबीएसई बोर्ड ने शुक्रवार की सुबह 10 बजे अचानक 12वीं के रिजल्ट घोषित कर दिए. इस साल न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहर टर्म 1 और 2 में परीक्षाएं हुई थीं, इसे लेकर छात्र काफी असमंजस में रहे . उन्हें बोर्ड की तरफ से एसेसमेंट पॉलिसी या मार्किंग स्कीम को लेकर कोई जानकारी नहीं थी.
NEP लागू करना सही निर्णय रहा या गलत?
अब रिजल्ट के साथ सीबीएसई ने अपना मार्किंग फार्मूला और उसे तैयार करने के अपने तरीके और कारणों के बारे में भी विस्तार से बताया है. हालांकि अगर एनईपी के बाद आए इस रिजल्ट की बात करें तो पास पर्सेंटेज इस साल बीते साल की तुलना में कम है. बीते साल 2021 में जहां रिजल्ट 99.37 प्रतिशत था तो वहीं इस साल 2022 में 92.71 प्रतिशत है. लेकिन इसके पीछे कोविड गाइडलाइन के दौरान परीक्षा न होने का मुख्य कारण माना जा सकता है.
लेकिन साल 2020 से अगर तुलना करें तो इस साल का रिजल्ट काफी बेहतर है. साल 2020 में पास प्रतिशत ओवरऑल 88.78 प्रतिशत था, वहीं 2019 में ये और कम 83.40 प्रतिशत था. इस तरह अगर देखा जाए तो टर्म एग्जाम लागू होने के बाद रिजल्ट में काफी सुधार दिख रहा है. इस साल का रिजल्ट 92.71 प्रतिशत है जोकि ऑफलाइन परीक्षाओं वाले सालों की तुलना में अधिक है.
क्या थी मार्किंंग स्कीम
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि टर्म 1 परीक्षाओं के बाद मिले खास रिएक्शन ये थे कि छात्र टर्म वन एग्जाम में अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन करने में असमर्थ थे. वजह ये थी कि उन्हें बिना किसी पर्याप्त मिसाल और अभ्यास के पहली बार ऑब्जेक्टिव पैटर्न से एग्जाम देना था. छात्रों द्वारा संतोषजनक प्रदर्शन न किए जाने के साथ टर्म 2 परीक्षाओं के लिए प्रमुख प्रतिक्रिया अधिक सकारात्मक थी.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.