
'50 सर्टिफिकेट, 10 मेडल फिर भी नहीं मिली जॉब...,' दिल्ली यूनिवर्सिटी की टॉपर की पोस्ट वायरल
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कहते हैं, कोई स्टूडेंट असली दुनिया तब देखता है जब वो कॉलेज, स्कूल की दुनिया से निकलकर जॉब की दुनिया में आता है. एक अच्छा जॉब पाने की होड़ और कंपिटेशन का सामना होता है, तो उसे पता चलता है कि डिग्रियों और स्टडी मार्क्स से जो हासिल किया, हकीकत में जॉब मार्केट में उसका कोई लेना-देना ही नहीं है.
कहते हैं, कोई स्टूडेंट असली दुनिया तब देखता है जब वो कॉलेज, स्कूल की दुनिया से निकलकर जॉब की दुनिया में आता है. एक अच्छा जॉब पाने की होड़ और कंपिटेशन का सामना होता है, तो उसे पता चलता है कि डिग्रियों और स्टडी मार्क्स से जो हासिल किया, हकीकत में जॉब मार्केट में उसका कोई लेना-देना ही नहीं है.
कुछ ऐसा ही एक्सपियरेंस का सामना करना पड़ा बिस्मा को. बिस्मा अपने लिंक्डइन पोस्ट में दावा करती हैं कि वह कॉलेज की टॉपर हैं. उनके पास 50 से ज्यादा सर्टिफिकेट हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान उन्होंने कई ट्रॉफियां जीती हैं. लेकिन ये सब लेकर जब वो जॉब मार्केट में उतरीं, तो उन्हें पता चला कि ये तो महज एक कागज है.
लिंक्डइन पर उन्होंने अपना दर्द जाहिर किया. एक पोस्ट में बिस्मा ने बताया कि किस तरह टॉप मार्क्स और डिग्री होते हुए भी उन्हें इंटर्नशिप नहीं मिल पा रही. यह पोस्ट वायरल हो गई और देशभर में 'स्किल बनाम मार्क्स' पर नई बहस छेड़ दी.
बिस्मा अपने पोस्ट में लिखती हैं कि मैं ये नहीं कह रही कि किताबें जला दो, लेकिन एक स्किल चुनो, उसमें माहिर बनो... फिर देखना, मौके खुद चलकर आएंगे.
देखें पोस्ट
सोशल मीडिया पर छलका दर्द, लोगों ने कहा— "हम भी इस दौर से गुजरे हैं" बिस्मा की पोस्ट पर हजारों कमेंट्स आए. एक यूज़र ने लिखा कि बिलकुल सही कहा, ये बात समाज को समझनी चाहिए. दूसरे ने कहा कि ये पोस्ट मम्मी-पापा को दिखाने वाली है.

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