
‘264’ का जादूगर फिर सबूत देने उतरेगा… रोहित शर्मा की कहानी अभी खत्म नहीं हुई है!
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13 नवंबर 2014 को रोहित ने 173 गेंदों में 264 रन बनाए, 33 चौके और 9 छक्के जड़े... तब से वनडे का सबसे ऊंचा स्कोर है. ग्यारह साल बाद वही रोहित शर्मा अब नई जंग में हैं. बीसीसीआई के निर्देश पर वे घरेलू वनडे (विजय हजारे ट्रॉफी) में उतर सकते हैं. लक्ष्य स्पष्ट है- 2027 वर्ल्ड कप तक टिके रहना और भारत को फिर से शिखर पर ले जाना.
कोलकाता के चमकते आसमान के तले... हरा-भरा ईडन गार्डन्स- ठीक 11 साल पहले यहां आज ही के दिन (13 नवंबर, 2014) क्रिकेट की दुनिया ने ऐसा नजारा देखा जो हमेशा याद रहेगा. रोहित शर्मा, जिन्हें तब ‘टैलेंटेड, लेकिन अधूरा’ कहा जाता था, उस दिन सिर्फ बल्लेबाज नहीं, जादूगर बने. उन्होंने ऐसा करिश्मा किया कि उनका नाम हमेशा के लिए क्रिकेट के इतिहास में दर्ज हो गया.
उस मैच से पहले रोहित चोट से उबरकर लौटे थे. उंगलियों की चोट ने उन्हें महीनों तक रोक रखा था, लेकिन शायद किस्मत जानती थी- यह वापसी साधारण नहीं होने वाली थी. श्रीलंका के खिलाफ सीरीज का चौथा वनडे, ईडन का मैदान और स्टैंड्स में उम्मीद की गूंज. शुरुआत में सब सामान्य था. पहले 50 रन आए 72 गेंदों में, जैसे कोई लंबी यात्रा की धीमी शुरुआत. लेकिन फिर जैसे किसी ने भीतर का 'स्विच ऑन' कर दिया हो.
बल्ले से तूफान: ‘264’ की कहानी
इसके बाद रोहित का बल्ला नहीं, तूफान चला. गेंद सीमा पार करती... हर शॉट स्टेडियम के दिल में उतरता गया. उन्होंने 33 चौके और 9 छक्के जड़े. थर्ड मैन पर थिसारा परेरा का गिराया आसान कैच, श्रीलंका को बड़ा महंगा साबित हुआ. क्योंकि वहीं से शुरू हुई इतिहास की सबसे निर्मम, सबसे खूबसूरत पारी.
शतक आया रन-ए-बॉल, लेकिन अगले 164 रन सिर्फ 73 गेंदों में. 264 रनों का आंकड़ा सिर्फ रिकॉर्ड नहीं, बल्कि क्रिकेट का एक नया मापदंड बन गया, जो हमेशा 'हिटमैन' की याद दिलाएगा. भारत ने 404/5 का स्कोर खड़ा किया और श्रीलंका की पूरी टीम मिलकर भी 251 रन ही बना पाई. लेकिन इस मैच की याद किसी जीत या हार से नहीं, बल्कि उस ‘264’ से जुड़ी है, जो आज भी वनडे क्रिकेट का सबसे ऊंचा शिखर है.
🗓️ #OnThisDay in 2014 2⃣6⃣4⃣ runs 1⃣7⃣3⃣ deliveries 3⃣3⃣ fours & 9⃣ sixes Former #TeamIndia captain @ImRo45 played an incredible knock to register the highest individual score in ODIs 👏⚡️ pic.twitter.com/ZNHXe9wieT

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