
11 माह के बच्चे की गद्दे से दबाकर ले ली जान...मासूम के पिता से बदला लेना चाहती थी नाबालिग छात्रा
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बागपत के टांडा गांव से आई यह खबर रूह कांपने वाली है, एक छोटी-सी गलती और गुस्से के तूफ़ान ने 11 माह के मासूम की ज़िंदगी निगल ली. मदरसे में पढ़ने वाली 14 वर्षीय छात्रा ने नाराज़गी में मासूम को मौत की नींद सुला दिया.
बागपत के टांडा गांव के बाहर मुफ़्ती शहजाद एक छोटा मदरसा चलाते हैं, कुछ दिन पहले उन्होंने मदरसे में पढ़ रही एक नाबालिग छात्रा के पास से मोबाइल फोन बरामद किया. शक था कि वह अक्सर किसी से बात करती थी. जब इस बात का तो मुफ़्ती ने छात्रा की जमकर पिटाई की और मोबाइल छीन लिया. पिटाई और बेइज्जती से बौखलाई छात्रा सीधा मदरसे के कमरे में गई.
वहीं, मुफ़्ती का गोद लिया हुआ 11 माह का मासूम तलहा सो रहा था. गुस्से में छात्रा ने भारी बिस्तर सीधे मासूम के ऊपर डाल दिया. कुछ ही पलों में मासूम की सांसे रुक गईं और दम घुटने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई.
वहीं, सुबह जब परिवार ने मासूम को गायब पाया तो सबसे पहले बच्चा चोरी की अफवाह फैल गई. गांव के लोग जमा हो गए, प्रधान तक मौके पर पहुंचे. हर कोना खंगाला गया, लेकिन जब कमरे में रखे बिस्तर को हटाया गया तो मासूम बेसुध पड़ा मिला. डॉक्टर के पास ले जाने से पहले ही मासूम दम तोड़ चुका था.
साले के बेटे को 9 महीने पहले ही गोद लिया था
मुफ़्ती शहजाद ने बताया कि उनकी चार बेटियां हैं. बेटा न होने पर उन्होंने 9 महीने पहले अपने साले के बेटे को गोद लिया था. मासूम अब इस दुनिया में नहीं है. गांव में लोग सन्न हैं कि क्या एक मोबाइल की वजह से मासूम की जान चली गई. पुलिस भी इस पूरे मामले की तहकीकात में जुट गई है. मुफ़्ती शहजाद ( मर्तक का पिता) ने कहा कि मैं बच्चियों को पढ़ाता हूं, मेरे बच्चे की कंबल के नीचे दबने से मौत हो गई. एक बच्ची ने कंबल बच्चे पर डाल दिया था. जिससे उसकी मौत हो गई.
एनपी सिंह एएसपी बागपत एनपी सिंह ने कहा, टांडा गांव में मासूम की मौत की सूचना मिली थी. पोस्टमार्टम में मौत की वजह स्पष्ट नहीं हुई. जानकरी के मुताबिक, कुछ दिन पहले मदरसे में आई एक छात्रा ने मोबाइल पकड़े जाने और पिटाई से नाराज होकर मासूम की जान ली.

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