
हीरे-जवाहरातों से सजा ढाई किलो सोने का मुकुट, दुनियाभर के बड़े नेता, जानिए, कौन उठाएगा ब्रिटिश किंग चार्ल्स की ताजपोशी का खर्च
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हफ्तेभर बाद ब्रिटेन के राजा चार्ल्स III की ताजपोशी होने वाली है. तैयारियां उफान पर हैं. राज्याभिषेक लगभग पूरे हफ्ते चलेगा. इस दौरान ब्रिटेन में त्योहार-सा माहौल रहेगा लेकिन इस समारोह की बड़ी कीमत ब्रिटिश लोग चुकाने वाले हैं. असल में शाही शादियों का खर्च तो रॉयल पैलेस उठाता है, लेकिन राज्याभिषेक की पूरी जिम्मेदारी नागरिकों की होती है.
इस साल एलिजाबेथ द्वितीय के निधन और शोक-समारोह के तुरंत बाद से किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक की तैयारियां शुरू हो गईं. 6 मई को चार्ल्स आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन के राजा बन जाएंगे. ये राज्याभिषेक कोई मामूली बात नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ा समारोह है. इस दौरान राजा -रानी को क्राउन पहनाया जाता है, और दर्शक 'गॉड सेव द किंग' के नारे लगाते हैं.
देश में बेतहाशा बढ़ चुकी महंगाई इस भव्य आयोजन पर करोड़ों रुपए खर्च होने वाले हैं, जिसे लेकर लोग इस बार परेशान हो रहे हैं. असल में ब्रिटेन में कई दशकों बाद खाने की कीमतों में सबसे बड़ा उछाल आया है. पूरा का पूरा देश महंगाई से जूझ रहा है. यहां तक कि नौबत ये आ गई कि लोग अपने खाने के लिए फूड बैंक पर निर्भर हो गए हैं. ये फूड बैंक कुछ चैरिटी संस्थाएं चलाती हैं. पहले ये बैंक्स होमलेस लोगों और बच्चों तक खाना पहुंचाया करते, लेकिन अब आम लोग तक खानेपीने के लिए फूड बैंकों तक पहुंच रहे हैं. जब पूरा देश बदहाली से जूझ रहा है, तभी किंग का राज्याभिषेक होने जा रहा है.
कितना खर्च आ सकता है? अनुमान है कि ताजपोशी में लगभग सौ मिलियन पाउंड (हजार करोड़) का खर्च आएगा. चूंकि ये समारोह देश की जिम्मेदारी है तो इसका खर्च भी करदाता उठाएंगे. इससे पहले साल 1953 में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की ताजपोशी में ब्रिटिश सरकार ने लगभग डेढ़ मिलियन पाउंड खर्च किए थे. ये आज के हिसाब से 50 मिलियन पाउंड के करीब है, यानी सवा पांच सौ करोड़ रुपए.
आयोजक कमेटी दे रही आश्वासन टैक्सदाताओं की परेशानी रॉयल फैमिली की नजर में है. इसलिए ही राज्याभिषेक का आयोजन करने वाली कमेटी ऑपरेशन गोल्डन ऑर्ब ने इस बारे में कई बातें साफ कीं. उनका कहना है कि समारोह को काफी छोटा बनाने की कोशिश की जाएगी, लेकिन सिक्योरिटी पर खर्च करना ही होगा. असल में पूरा प्रोसेस कई घंटे लंबी होगी, जिसमें 2 हजार से ज्यादा मेहमान आएंगे. ऐसे में सिक्योरिटी बड़ा मुद्दा हो सकता है.
लाइव टेलीकास्ट से मिल सकती है भारी रकम ये भी तर्क दिया जा रहा है कि करदाताओं पर उतना बोझ नहीं पड़ेगा क्योंकि ताजपोशी का समारोह टीवी पर दिखाया जाएगा. इसका सारा अधिकार ब्रिटिश सरकार के पास होगा. इसके अलावा टूरिज्म भी बढ़ेगा. दूसरे देश से आ रहे लीडर्स के अलावा बहुत से आम लोग भी अभिषेक देखने या कवर करने आएंगे. इसके लिए काफी पहले से होटल भी बुक होने लगे हैं. एक अंदाज है कि इससे जो पैसे आएंगे, वो हजार करोड़ रुपयों से कहीं ज्यादा होंगे और टैक्सपेयर्स उतनी तकलीफ में नहीं रहेंगे. लेकिन फिलहाल ये सिर्फ एक अनुमान है.
क्या-क्या होता है राज्याभिषेक में? ब्रिटेन का ये समारोह यूरोप और लगभग पूरी दुनिया में अपनी तरह का अनोखा और सबसे भव्य समारोह है. लगभग हजार सालों से इसमें एक जैसी रस्में होती आईं हैं. बस, हर बार मेहमानों की संख्या और लिस्ट बदल जाती है. इस दौरान किंग चार्ल्स और क्वीन कैमिला घोड़े से चलने वाले रथ पर लगभग 40 मिनट तक एक से दूसरे पॉइंट तक चलेंगे. ये मॉडर्न रथ होगा, जिसका ज्यादा कंट्रोल मैनुअल होगा. इसमें इलेक्ट्रिक विंडो और एसी भी लगा होगा. पैलेस पहुंचने पर किंग को 700 साल पुरानी कुर्सी पर बैठाया जाएगा, जिसके बाद पवित्र जल से उनका अभिषेक होगा और ताज पहनाया जाएगा. इस दौरान 7 अलग-अलग तरह की धुनें बजेंगी और सेना सलामी देगी.

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