
हिंदुस्तान में घट रही है मुसलमानों की आबादी? दिग्विजय सिंह ने रिपोर्ट का हवाला देकर कही बड़ी बात
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एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि हिंदुस्तान में मुसलानों का जन्म दर हिंदुओं से अधित तेज़ी से घट रहा है। अगर ऐसे ही दोनों की आबादी घटती रही तो 2028 तक हिंदुस्तान की जनसंख्या स्थिर हो जाएगी।
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के मुसलमानों की आबादी को लेकर किए गए ट्वीट के बाद सियासत गरमा गई है, कई लोग इसे धर्मिक सियासत भी कह रहे हैं। दरअसल दिग्विजय सिंह ने कुछ दिन पहले ट्वीट करते हुए लिखा कि यह भर्म फैलाया जा रहा है कि मुसलमानों की आबादी बढ़ती जा रही है और हिंदुओं की घटती जा रही है, 2030-2040 तक मुसलमान बहुसंख्यक हो जाएंगे। एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दिग्गी ने कहा कि हिंदुस्तान में मुसलानों का जन्म दर हिंदुओं से अधित तेज़ी से घट रहा है। अगर ऐसे ही दोनों की आबादी घटती रही तो 2028 तक हिंदुस्तान की जनसंख्या स्थिर हो जाएगी। इस ट्वीट के आने के बाद एक बार फिर से सोशल मीडिया पर जनसंख्या को लेकर बहस छिड़ गई है, लोग इस ट्वीट के कई मतलब भी निकालते नज़र आ रहे हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट- प्यू ने यह रिसर्च 10 साल में होने वाली जनगणना और राष्ट्रिय परिवार स्वास्थ सर्वेक्षण के आकड़ों के आधार पर किया गया है, इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अलग-अलग धर्म की आबादी में किस तरह बदलाव आए हैं। आपको बता दें प्यू एक गैर लाभदारी एजेंसी है जो वॉशिंगटन में स्थित है। इस रिपोर्ट में बताया गया है सभी धर्मो हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई के प्रजनन दर में कमी आई है। इस रिपोर्ट को 1992 से 2015 के आकड़ों को रखते हुए बनाया गया है। भारत में हिंदुओं की आबादी ज्यादा है और मुसलमानों की आबादी को लेकर एक आम धारणा है कि वह बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। लेकिन इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मुसलमानों के प्रजनन दर में कमी आई है। इसे ऐसे समझते हैं-1992 में एक मुस्लिम महिला के 4 से ज्यादा बच्चे हुआ करते थे लेकिन 2015 तक यह आकड़ा घटकर 2 से ज्यादा बच्चों का रह गया है। इसी तरह हिंदुओं में 3 से ज्यादा बच्चों का आकड़ा घटकर 2.1 रह गया है। ईसाई 2.9 से घटकर 2 और सिखों में 2.4 से घटकर 1.6 रह गया है।

Indian Navy Women Officers: भारतीय नौसेना आज के समय दुनिया में सबसे ताकतवर और खतरनाक सेनाओं में अपना नाम बनाए हुए है. नौसेना ने कई बार देश की सुरक्षा और मिशनों में बड़ी भूमिका निभाई है. दुश्मनों को जवाब देने के लिए नौसेना हमेशा तैयार रहती है. नौसेना में कई ऐसी महिलाएं भी हैं जिन्होंने अपने दम पर इतिहास में नाम दर्ज कराया है.

INS Aridaman: भारतीय नौसेना जल्द ही अपनी सबसे एडवांस्ड न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन INS अरिदमन को फ्लीट में शामिल करने वाली है. नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने पुष्टि की है कि यह पनडुब्बी अब अंतिम ट्रायल्स में है. जल्दी ही ऑपरेशनल हो जाएगी. अरिहंत-क्लास की यह तीसरी SSBN सबमरीन अब तक की सबसे शक्तिशाली मानी जा रही है. जो भारत की परमाणु क्षमता को एक नए स्तर पर पहुंचाने वाली है.

36 MW Class Gas Turbine Engine: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि नौसेना अब पूरी तरह स्वदेशी 36 मेगावॉट क्लास गैस टर्बाइन इंजन, अगली पीढ़ी की डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम. फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक विकसित कर रही है. इनका पहला ऑपरेशनल संस्करण 2029 में नौसेना के जहाजों पर आने की उम्मीद है.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?








