
हमास से जंग के बाद नेतन्याहू की लोकप्रियता को तगड़ा झटका, सपोर्ट में बस 15 फीसदी इजरायली!
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इजरायल में किए गए सर्वे से पता चला कि केवल 15 फीसदी लोग ही चाहते हैं कि युद्ध खत्म होने के बाद नेतन्याहू फिर से प्रधानमंत्री बनें. वहीं उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और वर्तमान युद्ध में समर्थक बेनी गैंट्ज को 23 फीसदी लोगों का पीएम पद के तौर पर समर्थन मिला है, जबकि लगभग 30 फीसदी लोगों ने प्रधानमंत्री पद के लिए किसी भी नेता के नाम का सुझाव नहीं दिया है.
गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल का एक्शन अब भी जारी है. अब तक इस हमले में हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों घायल हैं. इस सबके बीच एक सर्वे सामने आया है, जिसके मुताबिक हमास के खिलाफ जारी युद्ध से इजरायल में नेतन्याहू की लोकप्रियता को बड़ा झटका लगा है.
कारण, सर्वे के मुताबिक केवल 15 फीसदी इजरायली चाहते हैं कि गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपने पद पर बने रहें. हालांकि कई लोग अभी भी फिलिस्तीनी क्षेत्र में आतंकवादियों को कुचलने की उनकी रणनीति का समर्थन कर रहे हैं.
दरअसल, नेतन्याहू ने दक्षिणी इजरायल में 7 अक्टूबर को हुए हमले के बाद हमास को कुचलने का वादा किया था, जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 240 लोगों को किडनैप कर गाजा में बंदी बना लिया गया था. इजरायली सेनाओं ने अपने लगभग तीन महीने के जवाबी हमले में गाजा का अधिकांश हिस्सा बर्बाद कर दिया है.
56 फीसदी लोगों ने हमलों का किया समर्थन
इस बीच इजरायल डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट (आईडीआई) द्वारा किया गया सर्वे मंगलवार को प्रकाशित हुआ. इस सर्वे में जिन लोगों से सवाल किया गया उनमें से 56 फीसदी ने कहा कि बंधकों को वापस लाने के लिए सैन्य हमले जारी रखना सबसे अच्छा तरीका है, जबकि 24 फीसदी लोगों का कहना है कि बंधकों को वापस लेने के लिए इजरायल की जेलों से हजारों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई करना बेहतर विकल्प है.
बता दें कि गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया है कि युद्ध में 22,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं और अधिकांश आबादी विस्थापित हो गई है. वहीं इजरायल का कहना है कि उसने लगभग 8,000 फिलिस्तीनी लड़ाकों को मार डाला है और उसने हमास नेताओं को खत्म करने की कसम खाई है.

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