सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट: लोकल कमिश्नर नियुक्त करने की अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई कल
AajTak
केंद्र की तरफ से कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ता की तरफ से जो आरोप लगाए गए हैं, वे पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठे हैं. सराय काले खां कैम्प से हर रोज दिहाड़ी मजदूरों को लाने और छोड़ने की बात बेबुनियाद है.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मसले को लेकर केंद्र को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया है. केंद्र ने इस मामले में अपना हलफनामा देर रात दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल किया था लेकिन वो कोर्ट स्टाफ के पास समय से नहीं पहुंच सका. इसके बाद कोर्ट ने मामले में सुनवाई कल यानी 12 मई तक के लिए टाल दी है. दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से तुषार मेहता पेश हुए. केंद्र की तरफ से कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ता की तरफ से जो आरोप लगाए गए हैं, वे पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठे हैं. सराय काले खां कैम्प से हर रोज दिहाड़ी मजदूरों को लाने और छोड़ने की बात बेबुनियाद है. 19 अप्रैल से पहले इस प्रोजेक्ट पर 400 मजदूर काम कर रहे थे लेकिन फिलहाल ढाई सौ मजदूर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की लोकेशन पर ही रह रहे हैं और उनको पर्याप्त मेडिकल सुविधाएं भी दी जा रही हैं. मजदूरों का कोरोना टेस्ट भी कराया गया है. अभी मजदूर सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन कर रहे हैं.More Related News
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.