
सरकार ने बढ़ाई गर्भपात की समय-सीमा; इस खास श्रेणी की महिलाएं इतने माह तक के गर्भ का कर सकती हैं खात्मा
Zee News
सरकार ने कुछ खास श्रेणी की महिलाओं के लिए विशेष परिस्थितियों में गर्भ समाप्त करने की समय सीमा को 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह (पांच महीने से बढ़ाकर छह महीने) कर दिया गया है. हालांकि इसके लिए राज्य स्तरीय एक मेडिकल बोर्ड से इजाजत लेना जरूरी होगा.
नई दिल्लीः सरकार ने गर्भपात संबंधी नए नियम अधिसूचित किए हैं जिसके तहत कुछ खास किस्म की महिलाओं के मेडिकल गर्भपात के लिए गर्भ की समय सीमा को 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह (पांच महीने से बढ़ाकर छह महीने) कर दिया गया है.यह नए नियम मार्च में संसद में पारित गर्भ का चिकित्सकीय समापन (संशोधन) विधेयक, 2021 के तहत अधिसूचित किए गए हैं. पुराने नियमों के तहत, 12 सप्ताह (तीन महीने) तक के भ्रूण का गर्भपात कराने के लिए एक डॉक्टर की सलाह की जरुरत होती थी और 12 से 20 सप्ताह (तीन से पांच महीने) के गर्भ के मेडिकल समापन के लिए दो डॉक्टरों की सलाह जरूरी होती थी.
इन हालात से गुजार रही महिलाओं को होगा फायदा गर्भ का चिकित्सकीय समापन (संशोधन) नियम, 2021 के मुताबिक, विशेष श्रेणी की महिलाओं में यौन उत्पीड़न या बलात्कार या कौटुंबिक व्यभिचार की शिकार, नाबालिग, ऐसी महिलाएं जिनकी वैवाहिक स्थिति गर्भावस्था के दौरान बदल गई हो (विधवा हो गई हो या तलाक हो गया हो) और दिव्यांग महिलाएं शामिल हैं. नए नियम में मानसिक रूप से बीमार महिलाओं, भ्रूण में ऐसी कोई विकृति या बीमारी हो जिसके कारण उसकी जान को खतरा हो या फिर जन्म लेने के बाद उसमें ऐसी मानसिक या शारीरिक विकृति होने की आशंका हो जिससे वह गंभीर विकलांगता का शिकार हो सकता है, सरकार द्वारा घोषित मानवीय संकट ग्रस्त क्षेत्र या आपदा या आपात स्थिति में गर्भवती महिलाओं को भी शामिल किया गया है.

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