
सऊदी-यूएई में अरबों का निवेश, इराक-सीरिया में हजारों सैनिक... मिडिल ईस्ट में कहां-कहां है अमेरिकी मौजूदगी
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ईरान के साथ परमाणु वार्ता में अमेरिका को निराशा हाथ लगी है जिसके बाद वो मध्य-पूर्व से अपने कुछ सैनिकों को वापस बुला रहा है. माना जा रहा है कि इजरायल ईरान पर हमला कर सकता है. इसके बाद से ही मध्य-पूर्व में हलचल बढ़ गई है.
पहले से ही अस्थिर मध्य-पूर्व में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान से अस्थिरता और बढ़ने की आशंका है. ट्रंप ने बुधवार को कहा कि अमेरिका मध्य-पूर्व से अपने कुछ सैनिकों को निकाल रहा है क्योंकि आने वाले समय में क्षेत्र खतरनाक होने वाला है. ट्रंप ने यह घोषणा ऐसे वक्त में की है जब ईरान-अमेरिका परमाणु समझौता बेपटरी होता दिख रहा है और ईरान पर इजरायल के हमले का खतरा बढ़ गया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिकी और इराकी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि अमेरिका ईराक स्थित अपने दूतावास का आंशिक रूप से खाली कर रहा है और सुरक्षा स्थिति को देखते हुए आसपास के सभी इलाकों से सेना के परिवार वालों को मिडिल ईस्ट से निकलने के लिए कह रहा है.
ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर सकता है इजरायल
पिछले महीने अमेरिका को एक खुफिया जानकारी मिली थी कि इजरायल ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की तैयारी कर रहा है. सीएनएन ने अमेरिकी अधिकारियों से हवाले से यह खुलासा किया था जिसमें कहा गया था कि अगर अमेरिका-ईरान परमाणु समझौता असफल रहता है और ईरान यूरेनियम संवर्धन की अपनी जिद नहीं छोड़ता तो इजरायल ईरान पर हमला कर सकता है.
यह खुफिया जानकारी अब वास्तविक लगने लगी है क्योंकि अमेरिका ने ईरान के आसपास के इलाकों से अपने सैनिकों और राजनयिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है.
पश्चिमी देशों को शक है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने पर काम कर रहा है लेकिन ईरान इस बात से साफ इनकार करता है. ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल और केवल नागरिक उद्देश्यों के लिए है.

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