
संविधान तो दिखा गए कॉमेडियन कुणाल कामरा, लेकिन इसी किताब की कई धाराएं अभिव्यक्ति की मनमानी आजादी पर रोक भी लगाती हैं!
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कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने शो में बॉलीवुड की फिल्म 'दिल तो पागल है' के गीत पर पैरोडी बनाया है. इस गीत के जरिये उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर तीखे कमेंट किए हैं. इसके बाद शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने उस स्टूडियो में तोड़फोड़ की है जहां पर ये प्रोग्राम हुआ था.
कॉमेडियन कुणाल कामरा अपनी ताजा पैरोडी को लेकर विवादों में घिर गए हैं. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर किए गए उनकी टिप्पणी पर शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ता भड़क गए. उन्होंने उस स्टूडियो को तोड़ दिया जहां पर इस प्रोग्राम की शूटिंग हुई थी. शिवसेना कार्यकर्ताओं की इस तोड़-फोड़ के बाद कुणाल कामरा ने एक नई पोस्ट की. कामरा ने एक तस्वीर पोस्ट की. उसमें वे हाथ में संविधान की एक प्रति लिए हुए हैं. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है, "यही एक मात्र रास्ता है."
उनके पैरोडी वीडियो की तरह ये पोस्ट भी वायरल हो चुका है. कुछ ही घंटों में इस पोस्ट को 15 लाख लोग देख चुके हैं. लाल रंग के संविधान की ये छोटी सी कॉपी पिछले दिनों काफी चर्चा में रही है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पिछले दिनों में संविधान की ऐसी ही कॉपी के साथ दिखे थे. तब वे सरकार के खिलाफ संविधान बचाओ की मुहिम चला रहे थे.
संविधान के तहत क्या बोलने की नहीं है आजादी
कुणाल कामरा ने संविधान की तस्वीर पोस्ट कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि संविधान हमें बोलने की आजादी देता है. और उनकी अभिव्यक्ति संवैधानिक प्रावधानों के अनुकूल ही है. लेकिन देश का संविधान ही राजकाज चलाने में सहूलियत लाने के लिए नागरिकों के 'कुछ भी बोलने पर' रोक भी लगाता है.
आइए जानते हैं कि किन धाराओं के तहत हम क्या क्या नहीं बोल सकते हैं.
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