
लाल सागर में कटी केबल, इंटरनेट में परेशानी, भारत समेत एशिया के कई देशों पर पड़ा असर
AajTak
लाल सागर के नीचे बिछाई गई सब्मरीन केबल अचानक कट गई हैं, जिसकी वजह से कई देशों में इंटरनेट स्पीड प्रभावित हुई है. नेटब्लॉक्स ने कहा कि Red Sea में Under Sea केबल्स कटने की वजह से कुछ देशों में इंटरनेट कनेक्टिविटी पर असर पड़ा है. इसमें भारत, पाकिस्तान समेत एशिया के कई देश शामिल हैं. आइए इनके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.
समंदर के नीचे इंटरनेट के लिए बिछाई गई केबल कट गई है, जिसकी वजह से भारत समेत एशियाई के कई देशों में इंटरनेट प्रभावित हुआ है. यह केबल लाल सागर के नीचे मौजूद है. इसकी जानकारी नेटब्लॉक्स ने भी दी है.
PTI ने X प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करके बताया है कि लाल सागर में Submarine Cable कट जाने की वजह से कई क्षेत्रों में रविवार को इंटरनेट स्पीड प्रभावित हुई. इसमें भारत समेत एशिया का क्षेत्र शामिल है. अभी यह नहीं बताया गया है कि किस वजह से केबल कटी हैं.
पोस्ट में आगे लिखा है, चिंता जताई जा रही है कि यमन के हूती विद्रोही इन केबल को निशाना बना रहे हैं. इसे इजरायल पर दबाव बनाने की कोशिश बताई है ताकि वे गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध को खत्म करें. बताते चलें कि हूती विद्रोहियों पहले भी केबल्स पर हमला करने से इनकार कर चुके हैं.
PTI का X पर पोस्ट
माइक्रोसॉफ्ट ने भी दी जानकारी
रिपोर्टस के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट ने कहा, मिडिल ईस्ट में लाल सागर के अंदर Under SEA Cable कटने की वजह से लेटेंसी में इजाफा हो सकता है, जिसका मतलब है कि इंटरनेट स्पीड कम हो सकती है. कंपनी ने ये भी कहा कि जो केबल मिडिल ईस्ट से नहीं गुजर रही हैं, उनपर कोई असर नहीं पड़ा है.

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









