
'लड़की बहिन योजना से बैकफुट पर विपक्ष', महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे बोले- महायुति के लिए MVA कोई चुनौती नहीं
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शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव द्वारा विश्वासघात का आरोप लगाने पर मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा- 55 में से 40 विधायक हमारे साथ हैं. बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा किसने छोड़ी? महाराष्ट्र की जनता ने 2018 में भाजपा-शिवेसना गठबंधन को वोट दिया था, फिर कांग्रेस के साथ कौन गया? तो असली विश्वासघात किसने किया?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 'मुंबई तक बैठक' कार्यक्रम में अपनी सरकार की विभिन्न योजनाओं पर बात की. उन्होंने बताया कि 'लड़की बहिन योजना' पर पिछले 10 महीने से काम चल रहा था, यह चुनाव को देखकर लिया गया फैसला नहीं है. महाराष्ट्र की मेरी बहनों के लिए ₹1500 प्रति माह का आर्थिक सहयोग बहुत बड़ा सहारा होगा. विपक्षी महा विकास अघाड़ी के नेताओं द्वारा इस योजना को चुनावी हथकंडा बताने पर एकनाथ शिंदे ने कहा, 'जो लोग सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं वे क्या जानेंगे? लड़की बहिन योजना ने विरोधियों के पेट में दर्द पैदा कर दिया है. महाराष्ट्र की मेरी प्यारी बहनों को सौतेले भाइयों से सावधान रहना चाहिए. महागठबंधन से महायुति को कोई चुनौती नहीं है.'
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम एक टीम के रूप में काम करते हैं. हमारे फैसले जनहित में होते हैं. हमने 123 सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी है. किसानों को 1 रुपये में फसल बीमा की सुविधा दी है. विकास कार्यों के लिए बाधा बनने वाले सभी स्पीड ब्रेकर्स को हमने हटा दिया है. बुनियादी ढांचे के मामले में महाराष्ट्र देश में पहले स्थान पर है. हम नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली में भी निवेश लाने में सफल रहे हैं.' बता दें कि गढ़चिरौली में हाल ही में सूरजगढ़ इस्पात प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 10000 करोड़ रुपये के निवेश से स्टील प्लांट लगाने के लिए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की थी.
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एकनाथ शिंदे ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है और पिछले दो साल से वह रोना रो रहा है. उन्होंने कहा, 'हमारे पास विकास और कल्याण की योजनाएं हैं. संविधान को लेकर विरोधी हल्ला मचाते हैं और डर फैलाते हैं. कांग्रेस 99 सीटें जीतकर जश्न मना रही है, लेकिन नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं. क्या कांग्रेस मोदी की जीत का जश्न मना रही है?' शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव द्वारा विश्वासघात का आरोप लगाने पर मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, 'घर बैठ कर राज्य नहीं चलाया जा सकता. आपको किसानों के पास जाना होगा. कुछ लोग इस बात से परेशान हैं कि एक किसान का बेटा सीएम बन गया है. जनता अब हमें हमारे काम की स्वीकृति देगी. हमें उद्धव ठाकरे से चुनौती महसूस नहीं होती. रोना बंद करिए और मर्द की तरह लड़िए.'
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शिवसेना प्रमुख शिंदे ने कहा, '55 में से 40 विधायक हमारे साथ हैं. बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा किसने छोड़ी? महाराष्ट्र की जनता ने 2018 में भाजपा-शिवेसना गठबंधन को वोट दिया था, फिर कांग्रेस के साथ कौन गया? तो असली विश्वासघात किसने किया?' मराठा आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, लेकिन महा विकास अघाड़ी के नेता उसमें नहीं आए. दोनों समुदायों के बीच दरार नहीं होनी चाहिए. मराठा समाज को आरक्षण मिलना चाहिए. लेकिन, ओबीसी की हिस्सेदारी कम नहीं होनी चाहिए. मराठा आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए हमारे प्रयास जारी हैं.'

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