
राजस्थान: एक और साधु ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में विधायक पर लगाए गंभीर आरोप
AajTak
राजस्थान में जालोर के राजपुरा गांव में एक साधु ने आत्महत्या कर ली है. घटना इलाके के सुंधा माता मंदिर की तलहटी के पास एक आश्रम की है. ये मामला आश्रम के पास की जमीन से जुड़ा है. साधु ने अपने सुसाइड नोट में विधायक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मौके से इसकी बरामदगी के बाद पुलिस ने इसे जब्त कर लिया है.
राजस्थान (Rajasthan) के जालोर जिले में रविनाथ (Saint Ravinath) नाम के 60 वर्षीय साधु ने पेड़ से लटककर आत्महत्या (Suicide) कर ली. आत्महत्या के पीछे जमीन का विवाद बताया जा रहा है. आश्रम के संतों ने भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी पर साधु को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है.
साधु ने आत्महत्या गुरुवार को मध्य रात्रि में की. उसके पास एक एक सुसाइड नोट भी मिला है. 'आजतक' ने इस सुसाइड नोट को देखा है. इसमें साधु ने विधायक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सुसाइड नोट से पता चलता है कि रविनाथ थोड़े बहुत ही पढ़े-लिखे थे. अपने नोट में उन्होंने बीजेपी विधायक के साथ जमीन विवाद का जिक्र किया है. उन्होंने यह भी अपील की कि उनके शव का पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाए. वहीं, पुलिस पर सुसाइड नोट छिपाने का आरोप लगाते हुए संतों ने पेड़ पर लटके साधु के शव को उठाने से इनकार कर दिया. मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी उन्हें समझाने की कोशिश करते रहे.
पुलिस को मौके से मिला सुसाइड नोट
बता दें कि घटना जालोर के राजपुरा गांव में सुंधा माता मंदिर की तलहटी के पास एक आश्रम की है. पुलिस ने बताया कि गुरुवार की देर रात आश्रम के रविनाथ ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मामला आश्रम के पास की जमीन से जुड़ा है. पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है. जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है.
पुलिस के अनुसार विधायक पूराराम के पास आश्रम के पीछे की जमीन है, लेकिन प्रवेश का कोई रास्ता नहीं था. इस पर आश्रम से रास्ता निकालने को लेकर विवाद हो गया. तीन दिन पहले विधायक ने अपने आदमियों को आश्रम में गड्ढा खोदने के लिए भेजा था. उसके आदमियों ने आश्रम के पास कुछ खुदाई भी की जिससे रविनाथ परेशान हो गए थे.
साधु की आत्महत्या की खबर मिलते ही आश्रम में साधु-संतों की भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों के गुस्से को देखते हुए जसवंतपुरा, रानीवाड़ा और भीनमाल थाने से पुलिस को बुलाकर मौके पर तैनात कर दिया गया है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







