
'यूक्रेन पर घातक रासायनिक हथियारों से हमले की आशंका', जापानी संसद से बोले राष्ट्रपति जेलेंस्की
AajTak
Russia-Ukraine War: संकटग्रस्त यूक्रेन के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कड़ी में बुधवार को राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जापानी और फ्रांसीसी संसद को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने यूक्रेन पर रूस के केमिकल अटैक की संभावना जताई.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने बुधवार को जापान की संसद को दिए अपने भाषण में कहा कि मुझे ऐसी खबरें मिली हैं कि रूस सरीन (Sarin) जैसे घातक रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर यूक्रेन पर हमले की तैयारी कर रहा है. अगर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है तो दुनिया कैसे प्रतिक्रिया देगी, इस पर भी अब दुनिया भर में चर्चा की जानी चाहिए.
बता दें कि सरीन एक बेहद जहरीला सिंथेटिक ऑर्गनोफॉस्फोरस यौगिक है. यह एक रंगहीन और गंधहीन तरल है. इसकी अत्यधिक शक्ति के कारण इसे रासायनिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
जेलेंस्की ने आगे कहा, जापानी लोग सरीन से परिचित हैं क्योंकि 1995 में टोक्यो मेट्रो सिस्टम पर एक हमले में एक पंथ के सदस्यों ने इसका इस्तेमाल किया था, जिसमें 13 लोग मारे गए थे और हजारों घायल हो गए थे.
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र के पास खतरनाक स्थिति की ओर भी इशारा किया, जहां रूसी गोलाबारी में आग लग गई थी. अब यह न्यूक्लियर पावर प्लांट साइट रूसी सैनिकों के कब्जा में है.
रूसी हमले के बाद से जेलेंस्की अपने पक्ष में हवा बना रहे हैं, इसी के चलते उन्होंने इटली, जर्मनी, यूके, कनाडा और अमेरिका सहित अन्य जी-7 प्रमुख औद्योगिक देशों के सदनों में भी वर्चुअल भाषण दिए हैं. बीते रविवार को जेलेंस्की ने इजराइली संसद को भी संबोधित किया था. पिछले हफ्ते ही अमेरिकी कांग्रेस को अपने संबोधन में उन्होंने रूस के आक्रमण की तुलना 1941 में हवाई के पर्ल हार्बर पर जापान के हमलों और अल-कायदा के आतंकियों द्वारा 9/11 के हमलों से की.
वहीं, जेलेंस्की ने आज फ्रांसीसी संसद को भी संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने फ्रांसीसी कंपनियों से रूस छोड़ने का आह्वान किया. राष्ट्रपति जेलेंस्की रूस पर लगातार कड़े प्रतिबंध लगाने और हमलावर देश को अलग थलग करवाने में जुटे हैं.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






