मेरठ का ये टीला उगलेगा 2 हजार साल पुराना राज, दिल्ली में लगे अशोक स्तंभ से निकल सकता है कनेक्शन
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मेरठ शहर के बीचों बीच 2000 साल से भी पुराना एक टीला मिला है. एक इतिहासकार के दावे के बाद एएसआई की टीम ने इस कि जांच की और बताया कि ये टीला 2000 साल से भी पुराना है और मौर्य काल से जोड़ा जा सकता है. इतिहासकार संभावना जता रहे हैं कि दिल्ली में जो अशोक स्तंभ मेरठ से लाकर लगाया गया था, वह इसी जगह पर पहले स्थापित हो सकता है.
मेरठ शहर के बीचों बीच 2000 साल से भी पुराना एक टीला मिला है. एक इतिहासकार के दावे के बाद एएसआई की टीम ने इसकी जांच की और बताया कि ये टीला 2000 साल से भी पुराना है और मौर्य काल से जोड़ा जा सकता है. इतिहासकार संभावना जता रहे हैं कि दिल्ली में जो अशोक स्तंभ मेरठ से लाकर लगाया गया था, वह इसी जगह पर पहले स्थापित हो सकता है.
भारतीय पुरातत्व विभाग की टीम ने जब इस स्थान की पड़ताल करनी शुरू की तो उसे मौर्यकालीन सभ्यता के चिह्न नज़र आए. एएसआई के अफसरों का कहना है कि इस टीले की जांच अब वैज्ञानिक विधि से की जाएगी. अफसरों का कहना है कि आबादी के बीचोंबीच स्थित इस टीले को संरक्षित करने के लिए वो ज़िला प्रशासन से भी बात करेगा.
दरअसल, मेरठ शहर में विकासपुरी बिजली घर के पास स्थित एक टीले कि जांच की गई तो ये खुलासा हुआ है जिसके बाद एएसआई की टीम इतनी ख़ुश है कि जैसे उसे कोई खज़ाना मिल गया है. चबूतरे की लंबाई 35 मीटर, चौड़ाई 30 मीटर और ऊंचाई 2 से 3 मीटर के आसपास है. इसमें जो ईंट लगी है वह 42 सेंटीमीटर लंबाई, 24 से 26 सेंटीमीटर चौड़ाई और 8 सेंटीमीटर मोटाई की है जो कि सम्राट अशोक के राज्यकाल के आसपास की है.
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