
भारत के इस कॉरिडोर में शामिल ना किए जाने से एर्दोगन थे खफा, अब किया ये काम
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इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कोरिडोर में तुर्की को न शामिल किए जाने पर राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन बेहद नाराज हुए थे और उनका कहना था कि तुर्की के बिना किसी कोरिडोर की कल्पना नहीं की जा सकती है. अब उन्होंने इराक डेवलपमेंट रोड प्रोजेक्ट के रुप में एर्दोगन ने IMEEC की काट ढूंढ ली है.
इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कोरिडोर (IMEEC) के विरोधी और इसकी काट ढूंढ रहे तुर्की को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन इराक डेवलपमेंट रोड प्रोजेक्ट (IDRP) को IMEEC की काट की तरह पेश कर रहे थे और अब वो इसे लेकर कई देशों को साथ लाने में कामयाब रहे हैं. सोमवार को इराक की राजधानी बगदाद में तुर्की, इराक, कतर और संयुक्त अरब अमीरात ने IDRP पर सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया.
राष्ट्रपति एर्दोगन इराक दौरे पर हैं और इसी दौरान देशों के बीच IDRP प्रोजेक्ट को लेकर यह सहमति बनी. एर्दोगन ने इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुडानी के साथ मिलकर सभी देशों के परिवहन मंत्री की मौजूदगी में समझौता ज्ञापन साइन किया. यह प्रोजेक्ट 1,200 किलोमीटर हाईवे और रेल प्रोजेक्ट के माध्यम से खाड़ी देशों को इराक से होते हुए यूरेशिया (एशिया और यूरोप के बीच) में स्थित तुर्की से जोड़ेगा.
तुर्की और खाड़ी के अरब देश इराक के बसरा प्रांत में अल-फॉ बंदरगाह के जरिए तुर्की के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक माल ले जाने की योजना बना रहे हैं.
इराक के बंदरगाह को विकसित करने के लिए यूएई कंपनी का समझौता
यूएई की कंपनी, एडी पोर्ट्स ग्रुप ने पिछले हफ्ते इराक के बंदरगाहों को प्रोजेक्ट में शामिल करने के लिए General Company के साथ एक प्रारंभिक समझौते पर हस्ताक्षर किया है. इस समझौते के तहत दोनों कंपनियां मिलकर अल-फॉ ग्रैंड पोर्ट और उसके आर्थिक क्षेत्र का विकास करेंगी.
समझौता ज्ञापन को लेकर इराकी प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से एक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि समझौता आर्थिक विकास बढ़ाने और पूर्व और पश्चिम के बीच क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने में योगदान देगा. बयान में कहा गया, 'समझौता एक नया और प्रतिस्पर्धी परिवहन रास्ता प्रदान करेगा और क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देगा.'

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