
ब्रेट ली-शोएब अख्तर की तरह तूफानी गेंदबाजी करता था ये सूरमा, इंजरी ने चौपट कर दिया करियर
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शोएब अख्तर की तरह ही न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज शेन बॉन्ड ने भी अपनी तूफानी गेंदबाजी के चलते सुर्खियां बटोरीं. शेन बॉन्ड ने अपने क्रिकेट करियर में जितने मैच खेले, उससे ज्यादा मिस किए. इसकी मुख्य वजह रही- उनका बार-बार इंजर्ड होना.
क्रिकेट इतिहास में एक से बढ़कर एक तेज गेंदबाज हुए हैं. 70-80 के दशक में वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों के तूती बोलती थी और बल्लेबाज उनसे खौफ खाते थे. उसी दौर में ऑस्ट्रेलियाई टीम के पास भी डेनिस लिली और जेम थॉम्पसन जैसे घातक तेज गेंदबाज थे, जिनका सामना करना बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं था. फिर 21वीं सदी में ब्रेट ली (ऑस्ट्रेलिया), शोएब अख्तर (पाकिस्तान) जैसे फास्ट बॉलर निकलकर सामने आए, जिन्होंने आसानी से 150 KMPH का बैरियर पार किया.
इंजरी ने बिगाड़ा इस गेंदबाज का करियर
शोएब अख्तर ने तो वनडे वनडे वर्ल्ड कप 2003 में इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले में एक गेंद 100.23 मील प्रति घंटे (161.3 KMPH) की स्पीड से फेंकी, जो अभी भी क्रिकेट इतिहास में दर्ज सबसे तेज गेंद है. ब्रेट ली और शोएब अख्तर की तरह ही न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज शेन बॉन्ड ने भी अपनी तूफानी गेंदबाजी के चलते सुर्खियां बटोरीं. वो रिचर्ड हैडली के बाद न्यूजीलैंड के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाज थे. शेन बॉन्ड आज (7 जून) अपना 50वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं.
शेन बॉन्ड ने अपने क्रिकेट करियर में जितने मैच खेले, उससे ज्यादा मिस किए. इसकी मुख्य वजह रही- उनका बार-बार इंजर्ड होना. साल 2003 में बॉन्ड को कमर में चोट लग गई, जिसके कारण वह लगभग दो साल तक क्रिकेट से बाहर रहे. इस दौरान उनकी रीढ़ की हड्डी में टाइटेनियम वायर से सर्जरी की गई. उनके घुटनों, पैरों और शरीर के कई हिस्सों में समस्याएं रहीं, लेकिन खेलने का जज्बा कभी कम नहीं हुआ.
बॉन्ड ने अपनी स्पीड से नहीं किया समझौता
दाएं हाथ के तेज गेंदबाज शेन बॉन्ड अपनी रफ्तार कम कर देते तो उनका करियर लंबा चलता, लेकिन उन्होंने स्पीड से समझौता नहीं किया. वह हमेशा पूरी ताकत से गेंदबाजी करते थे. उनकी गेंदबाजी में रफ्तार तो थी ही, साथ ही गेंद लेट स्विंग भी करती थी, जिसके कारण बल्लेबाज मुश्किल में पड़ जाते. बॉन्ड यॉर्कर गेंदें भी फेंकने में थे. रिकी पोंटिंग जैसे दिग्गज बल्लेबाज तो उनके खिलाफ शुरुआती छह वनडे मैचों में हर बार आउट हुए.

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