बंगाल में बड़ी जीत की ओर BJP, क्या हवा में बोल रहे हैं प्रशांत किशोर?
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बंगाल में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर आखिर किस आधार पर दावे कर रहे हैं. क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद बंगाल में बीजेपी के लिए परिस्थितियां ठीक नहीं रही हैं. चाहे विधानसभा चुनाव हों या स्थानीय निकाय चुनाव, सभी में बीजेपी की दुर्गति हुई है.
चुनावी रणनीतिकार के रूप में प्रसिद्धी पा चुके प्रशांत किशोर के विश्वेषणों पर आम तौर पर लोग बहुत भरोसा करते हैं. यह भरोसा उन्होंने यूं ही नहीं कमाया है. पिछले कई सालों में उन्होंने जो कहा वही हुआ है. अब ममता बनर्जी के चुनावी रणनीतिकार रह चुके प्रशांत किशोर ने एक मीडिया संस्थान से बातचीत में कहा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी आश्चर्यजनक रूप से टीएमसी पर बड़ी बढ़त हासिल कर रही है. प्रशांत किशोर ने कहा, 'मैं अनुमान लगा रहा हूँ कि भाजपा हर मायने में बंगाल में टीएमसी से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर रही है. लोकसभा चुनाव में बंगाल से चौंकाने वाले नतीजे देखने के लिए तैयार रहिए जो कि भाजपा के पक्ष में होंगे. जब मैं कहता हूँ कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में बंगाल में सिंगल सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी तो कुछ लोग कह देते हैं- अरे तुम तो भाजपा के एजेंट हो इसलिए ऐसा कहते हो. अगर मैं ऐसा नहीं कहूँगा तो प्रोफेशनली मैं ईमानदार नहीं कहलाऊँगा.'
सवाल यह उठता है कि आखिर प्रशांत किशोर ये बातें किस आधार पर कह रहे हैं. क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद बंगाल में बीजेपी के लिए परिस्थितियां ठीक नहीं रही हैं. चाहे विधानसभा चुनाव हों या स्थानीय निकाय चुनाव सभी में बीजेपी की दुर्गति हुई है. उपचुनावों में भी बीजेपी को टीएमसी ने पस्त कर दिया. बीजेपी के तमाम कद्दावर नेता ,मंत्री तक पार्टी छोड़कर टीएमसी शामिल हो चुके हैं. तो आखिर किशोर को उम्मीद की किरण कहां से दिख रही है? आइए देखते हैं कि क्यों प्रशांत किशोर की बातें सच हो सकती हैं ?
1- ममता बनर्जी पर पर्सनल अटैक नहीं कर रहे मोदी
कहा जाता है कि पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी इतिहास रचने को तैयार थी पर पीएम नरेंद्र मोदी का ममता बनर्जी पर व्यक्तिगत आक्षेप भारी पड़ गया था.और अंतिम समय में बाजी पलट गई थी. ममता के लिए पीएम मोदी का कहा गया संबोधन दीदी ओ दीदी.. को टीएमसी ने मां -माटी और मानुष के अपमान का मामला बना दिया और देखते ही देखते बीजेपी पर भारी पड़ गई टीएमसी. इस बार बीजेपी ने रणनीति बदल दी है. ममता बनर्जी पर व्यक्तिगत आक्षेप नहीं किया जा रहा है. हर बात के लिए टीएमसी को जिम्मेदार माना जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी रैलियों में ममता बनर्जी को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतते दिख रहे हैं. बीजेपी के अन्य नेता भी ममता के खिलाफ अपमानजनक चुटकुले और संवेदनशील आरोप लगाने से बच रहे हैं.
2-अनंत महाराज को राज्यसभा भेजने का गणित
अनंत राय राजबंशी समुदाय से आते हैं. मतुआ के बाद ये पश्चिम बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय है. अनंत राय को उम्मीदवार बनाने से बीजेपी की उत्तरी बंगाल में अच्छी-खासी पकड़ बन गई है. क्योंकि वहां राजबंशी समुदाय का अच्छा-खासा दबदबा है.उत्तरी बंगाल की आठ में से चार लोकसभा सीटों पर राजबंशी ही जीतते रहे हैं. 2019 में बीजेपी ने इनमें से सात सीटें जीती थीं.पार्टी को उम्मीद है कि इस बार आठों सीट बीजेपी जीत सकेगी.
aajtak e-चुनाव के सर्वे में करीब सवा लाख लोगों ने हिस्सा लिया. इनमें से लगभग 73% लोगों ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को लगातार तीसरी बार सत्ता में देखने की इच्छा जताई जबकि विपक्षी इंडिया ब्लॉक को लगभग 23% वोट मिले. करीब 4 फीसदी वोट अन्य को मिले. अगर इन वोटों को सीटों में बांट दिया जाए तो एनडीए को 397 सीटें मिलने का अनुमान है.