
फेयरप्ले बेटिंग ऐप केस में ED का एक और एक्शन, अब तक 651 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच
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ईडी की जांच से खुलासा हुआ कि फेयरप्ले का मुख्य सूत्रधार कृश लक्ष्मीचंद शाह है, जो दुबई से ऑपरेशन चला रहा है. उसके सहयोगी अनिल कुमार डडलानी और अन्य की मदद से यह सब हो रहा था.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फेयरप्ले बेटिंग ऐप (Fairplay Betting App) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ा एक्शन लेते हुए दुबई में कंपनी और इसके प्रमोटर्स से जुड़ीं 307.16 करोड़ रुपये कीमत की संपत्तियां जब्त कर ली हैं. यह कार्रवाई अवैध सट्टेबाजी और आईपीएल मैचों की अवैध स्ट्रीमिंग से जुड़े मामले में की गई है. जब्त संपत्तियों में बैंक बैलेंस, जमीन, विला और फ्लैट शामिल हैं. ईडी के मुंबई जोनल ऑफिस ने पिछले सप्ताह प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी किया.
फेयरप्ले बेटिंग ऐप की जांच कैसे शुरू हुई थी?
ईडी ने इस मामले में जांच वायकॉम18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (Viacom18 Media Pvt Limited) की शिकायत पर शुरू की. मुंबई नोडल साइबर पुलिस ने फेयरप्ले स्पोर्ट एलएलसी और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. एफआईआर आईपीसी 1860, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 और कॉपीराइट एक्ट के विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज हुई.
शिकायत में कहा गया कि फेयरप्ले ने 100 करोड़ से ज्यादा का राजस्व नुकसान पहुंचाया, जो अपराध की आय मानी गई. इसके बाद कई अन्य एफआईआर फेयरप्ले और उसके सहयोगियों के खिलाफ अवैध ऑनलाइन बेटिंग के लिए जुड़ीं. ईडी की जांच में पता चला कि अपराध की आय (Proceeds of Crime) कई सौ करोड़ रुपये से अधिक है, क्योंकि ऑपरेशंस का स्केल बड़ा था और फंड्स ट्रेड बेस्ड मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए विदेश भेजे गए.
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फेयरप्ले ऐप का मास्टरमाइंड दुबई में बैठा था

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